KKN न्यूज ब्यूरो। इसे विज्ञान का चमत्कार कह लें या इंसान की काबलियत। पर, यह सच है कि अब वह दिन दूर नहीं जब पशुओं के अंगों को इंसानों के शरीर में प्रत्यारोपित किया जा सकेगा। वैज्ञानिक इस ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों के शरीर में सुअर का दिल लगाने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ गई है। जर्मनी के वैज्ञानिकों ने पूरे मेडिकल व विज्ञान जगत को अपने नए प्रयोग से हैरात में डाल दिया है।
वैज्ञानिको ने बंदर की प्रजाति बैबून के शरीर में सफलता पूर्वक सुअर का दिल प्रत्यारोपित करने में सफलता पायी है। इस सफल प्रत्यारोपण के बाद सुअर के दिल के साथ वह बैबून छह महीने से ज्यादा समय तक जीवित भी रहा। वैज्ञानिकों ने इसे एक मील का पत्थर बताया है। एक पशु के स्वस्थ दिल को दूसरी प्रजाति के शरीर में प्रत्यारोपित करने की प्रक्रिया को ‘एक्सेनाट्रांस्प्लांटेशन’ कहा जाता है। ‘नेचर जर्नल’ में प्रकाशित इस अध्ययन में माना जा रहा है कि इस प्रक्रिया से भविष्य में इंसानों को भी नया जीवन दिया जा सकेगा। प्रत्यारोपण के लिए सुअरों के जीन में बदलाव किया गया ताकि दूसरी प्रजाति के प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को दबाया जा सके।
दरअसल, अंग प्रत्यारोपण के लिए दुनिया भर में लोगो को लंबा इंतजार करना पड़ता है। जर्मन हर्ट सेंटर बर्लिन के डॉक्टर क्रिस्टोफ नोसाला का कहना है कि 2030 तक अमेरिका में दिल का दौरा पड़ने के मामले 80 लाख तक पहुंच सकता है। वैज्ञानिको की माने तो जीन में बदलाव वाला सुअर इस समस्या का समाधान हो सकता है। बहरहाल, वैज्ञानिको को सीमित सफलता मिल गयी है।
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