पूरे देश में कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के बीच बिहार के प्रवासी मजदूर और छात्र जो बाहर दूसरे राज्यों मे फसे है, उन्हे अपने राज्य मे वापस लाने में, उनसे किराया वसूलने की बात को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है। इसी विषय पर सोमवार की सुबह आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है, कि वे बिहारी मजदूरों को लाने के लिए 50 ट्रेनों का किराया देने को तैयार हैं। साथ ही उन्होने कहा की, बिहार सरकार पांच दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करें और पार्टी ट्रेनों का किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफर करेगी। हालांकि, रेलवे ने भी यह स्पष्ट कर दिया है, कि मजदूरों और छात्रों से कोई किराया वसूल नहीं की जा रही है। साथ ही रेलवे ने कहा है की, राज्य सरकारों से रेलवे केवल मानक किराया ही वसूल रही है, जो कुल किराए का मात्र 15 प्रतिशत है।
प्रवासी मजदूरों से किराया वसूली को लेकर उठे विवाद पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो जारी कर कहा है, कि दूसरे राज्यों से आ रहे मजदूरों और छात्रों का जो भी किराया होगा, उसका भुगतान बिहार सरकार करेगी। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को धन्यवाद भी दिया है, कि उन्होने दूसरे राज्यों मे फसे लोगों को अपने-अपने गृह राज्य भेजने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कहा कि, दूसरे राज्यों से आये मजदूरों और छात्रों को उनके गृह प्रखंड में 21 दिन तक क्वारेंटिन सेंटर में रखा जायेगा। उन्होने कहा कि, क्वारेंटिन सेंटर में लोगों के खाने-पीने और चिकित्सा से लेकर हर सुविधा की व्यवस्था की जा रही है। क्वारेंटिन सेंटर से निकलने के समय लोगों को न्यूनतम 1000 रुपये की राशि भी दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि, बिहार सरकार अब तक दूसरे राज्यों में फंसे 19 लाख बिहारियों को 1-1 हजार रुपये भी उपलब्ध करा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, बिहार के लोग लॉकडाउन को सफल बनाने में जुटे हैं। उन्होंने अपील की है कि, कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि, सतर्क रहने की जरूरत है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों से बिहार आ रहे लोगों से अपील की है, कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुये ही अपने राज्य वापस आएं।
This post was published on मई 4, 2020 17:19
या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर… Read More
भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा,… Read More
7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More
सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More