बिहार। बिहार में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरीके से बदहाल होचुकी है। सरकारी अस्पतालो में डॉक्टर के तकरीबन तीन चौथाई पद रिक्त पड़ें हैं। बतातें चलें कि बिहार में डॉक्टरों के 11 हजार, 373 पद सृजित हैं। इसमें सामान्य चिकित्सक के 7 हजार 843 व विशेषज्ञ के 3 हजार 526 पद हैं। जबकि, मौजूदा समय में यहां करीब तीन हजार डॉक्टर ही कार्यरत हैं, शेष पद रिक्त हैं। यहां बताना जरुरी है कि राष्ट्रीयमानक के अनुसार 3 हजार 500 की जनसंख्या पर एक डॉक्टर होना चाहिए।
आलम ये है कि पिछले साल 1,900 चिकित्सकों की बहाली के लिए सूची जारी हुई थी। इनमें करीब 1,650 को नियुक्ति पत्र दिया गया था। इसमें से 500 डॉक्टरो ने कतिपय कारणो से योगदान ही नहीं किया। लिहाजा, अस्पतालों में जितने विशेषज्ञ चिकित्सकों की जरूरत है, उतने मिल नहीं रहे हैं। पिछली बहाली में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त रह गए थे। खासकर एनेस्थेसिया, शिशु रोग विशेषज्ञ, पैथोलॉजी, फोरेंसिक मेडिसिन और स्त्रीरोग में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। जानकार बतातें है कि कम वेतनमान के साथ नियुक्ति और प्रोन्नति में विलंब और सुरक्षा कारणो से डॉक्टर बिहार नहीं आना चाहते हैं।
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