मुजफ्फरपुर। कैंसर का कहर झेल रहे मीनापुर के गोरीगामा व टेंगराहां के पानी में आर्सेनिक जांच की रिपोर्ट आने से लोगों को कुछ राहत मिली है। पीएचईडी की केमिस्ट विभाग ने अपने जांच रिपोर्ट में पानी में आर्सेनिक की मात्रा को सामान्य बताया है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के चलंत दस्ता के द्वारा ली गई सैंपल का रिपोर्ट आना अभी बाकी है। पीएचईडी के केमिस्ट सुनील कुमार ने बताया कि पानी के सैंपल में आर्सेनिक की मात्रा ठीक है। इससे कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रभावित गांव में कई जगहों से जांच के लिए सैंपल लिया गया था। सैंपलों की जांच में आर्सेनिक की मात्र 0.05 माइक्रोग्राम प्रति लिटर या उससे से कम पाया गया है। सुनील कुमार ने बताया कि 0.1 माइक्रोग्राम प्रति लिटर तक आर्सेनिक की मात्रा को खतरनाक नहीं माना जाता है। पीएचईडी ने जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन को भेज दिया है। विदित हो कि पीएचईडी की जांच टीम ने गांव के 34 पेयजल स्त्रोत से पानी का नमूना संग्रह कर लैब में जांच के लिए भेजी थी। पानी के सभी नमूने की जांच की गई है। इसमें खतरे की बात नहीं बतायी गई है। अब सभी की नजर चलंत दस्ता के जांच रिपोर्ट पर टिकी हुई है। पीएचईडी के अलावा स्वाथ्य विभाग के चलंत दस्ता ने आयरन, फ्लोराइट, पीएच व टीडीएस आदि की जांच के लिए पानी का नमूना लिया है। इसकी जांच रिपोर्ट अभी नहीं आयी है।
कैंसर फैलने के कारणों में आर्सेनिक की मात्रा सबसे अधिक मानी जा रही थी। रिपोर्ट के बाद अब गोरीगामा व टेंगराहां में कैंसर के फैलने के कारणों का नए सिरे से स्वास्थ्य विभाग को जांच करना होगा। चिकित्सकों का कहना है कि विशेषज्ञों की टीम को गांव पहुंच कर लोगों के खून की जांच करनी चाहिए। इससे कैंसर के कारणों का पता चल सकता है। जानकारी हो कि दोनों गांव में एक दशक के अंदर 31 लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है। अभी गांव में पांच लोग कैंसर से पीड़ित हैं।
This post was published on अक्टूबर 20, 2017 10:36
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