चीन ने कहा कि, वो कोरोना वायरस के इस संकट में वेंटिलेटर की ज़रूरतों को पूरा करने में, भारत की मदद करने को तैयार है। हालांकि, चीन ने यह भी कहा कि, उसके यहां वेंटिलेटर बनानेवाली कंपनियों को आयातित पुर्ज़ों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस के इस संकट से लड़ने के लिए, इस समय अमेरीका और भारत समेत कई देश वेंटिलेटर की ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश में लगे हुये हैं। चीन के वेंटिलेटर निर्माता कंपनियों ने कहा है, कि आयातित पुर्ज़ों के बिना वेंटिलेटर का उत्पादन मुश्किल है।
वहीं, रिपोर्ट के अनुसार भारत, चीन समेत उन कई देशों की कंपनियों के संपर्क में हैं जो वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा उपकरणों की ज़रूरतें पूरी कर सकती हैं। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता, हुआ चुनयिंग ने बुधवार को मीडिया से कहा, “जैसा की हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय महामारी को मात दे रहे हैं। हम अपने अनुभव साझा करने और पूरी मदद देने के लिए तैयार हैं।”
दरअसल, दुनियाभर में कोरोना के कारण वेंटिलेटर की मांगे बहुत बढ़ गयी है। लेकिन, एक वेंटिलेटर बनाने में लगभग 1000 से ज़्यादा पुर्ज़ें इस्तेमाल होते हैं, जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं।