मौजूदा समय में लोगो के लाइफ स्टाइल में हुए बदलाव का शरीर पर प्रतिकूल असर देखा जा रहा है। इसमें से एक है पीठ दर्द।
कहतें हैं कि यदि किसी को लगातार पीठ में दर्द रहता है, चलने में समस्या होती है और पैरों में कमजोरी महसूस हो तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह क्वाडा इक्वीना के लक्षण है और तत्काल ही इसकी जांच करा लेनी चाहिए। दरअसल, यह एक असाधारण विकार है, जिसमें रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में नसों की जड़ें प्रभावित होती हैं।
बेंगलुरु के क्लीनिकल एडवाइजरी बोर्ड के डॉक्टरो का कहना है कि इस समस्या में लंबर स्पाइन में नसों की जड़ें दबने लगती हैं। इसकी वजह से नसों में संवेदना और हरकत खत्म हो जाती है। ब्लैडर और आंतों के कामकाज को प्रभावित करने वाली नसें सबसे ज्यादा संवेदनशील होती हैं और सबसे पहले प्रभावित भी होती हैं। इस समस्या का तुरंत निदान नहीं करने से पूरी तरह से ब्लैडर खराब हो सकता है और आंतों की गंभीर समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।
इस समस्या का पता एमआरआई, सीटी स्कैन और ब्लैडर कंट्रोल टेस्ट से ही लगाया जा सकता है। इस समस्या के पता चलने के 48 घंटों के भीतर सर्जरी से दबाव को कम करना पहला कदम होता है। इसके बाद फिजिकल थेरेपी और इलाज के अन्य तरीकों का इस्तेमाल कर इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पद्म श्री पुरस्कार विजेता डॉ. केके अग्रवाल की माने तो नसों पर दबाव अगर किसी अन्य कारण से पड़ रहा है तो उसका इलाज समस्या के मुताबिक किया जाता है।