KKN गुरुग्राम डेस्क | ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ का 23 मई 2025 का एपिसोड भावनाओं से भरपूर, टकरावों से जुड़ा और पारिवारिक राजनीति की जटिलताओं से भरा रहा। बंसल हाउस (पूर्व में पौद्दार हाउस) में अब पारंपरिक सत्ता नहीं, बल्कि कृष का वर्चस्व देखने को मिलता है। वहीं, अरमान और अभिरा की पुरानी यादें एक नए मोड़ पर आकर भावनात्मक विस्फोट करती हैं। मायरा की मासूम जिज्ञासा पूरी कहानी को और उलझा देती है। आइए इस एपिसोड की पूरी जानकारी विस्तार से जानते हैं।
Article Contents
विद्या और कावेरी की उदासी देख भड़की अभिरा
एपिसोड की शुरुआत होती है अभिरा से, जो विद्या और कावेरी के चेहरे पर उदासी देखकर पूछती है कि उन्हें दुख किसने दिया — फूफा-सा ने या कृष ने? विद्या खुलासा करती हैं कि यह दुख कृष के कारण है। यह सुनकर अभिरा गुस्से में आ जाती है और कृष से बात करना चाहती है। लेकिन कावेरी और विद्या उसे रोक लेती हैं। कावेरी पुरानी यादों में खो जाती हैं, जिसे देखकर अभिरा और विद्या उन्हें समझाने की कोशिश करती हैं।
बंसल हाउस पर चलता है सिर्फ कृष का हुक्म
अब पौद्दार हाउस को बंसल हाउस कहा जाता है और यहां रहने वाले सभी सदस्य — चाचा-सा, चाची-सा, कियारा, काजल, कृष और फूफा-सा — एक छत के नीचे हैं। पर असल सत्ता अब किसी बुजुर्ग या परंपरा के पास नहीं, बल्कि कृष के पास है। घर के सभी फैसले उसके अनुसार होते हैं। चाहे वह घरेलू मामला हो या व्यक्तिगत — सब कुछ कृष की अनुमति से ही होता है।
कियारा की शादी में जाने की इच्छा पर कटाक्ष
कियारा अंजलि की शादी में जाने की अनुमति कृष से मांगती है। इस पर कृष तंज कसते हुए कहता है कि जब खुद की शादी नहीं संभाल पाई तो दूसरों की शादी में जाकर क्या करेगी? कियारा यह सुनकर उदास हो जाती है, लेकिन कृष बाद में उसे जाने की अनुमति भी देता है और पैसे भी देता है। यह स्पष्ट करता है कि कृष न केवल फैसले लेता है बल्कि अपनी बातों से दूसरों को नीचा दिखाना भी जानता है।
अभिरा को हुआ विद्या और दादी के साथ हुए फ्रॉड का शक
अभिरा को यह पता चलता है कि विद्या और दादी-सा को किसी ने आर्थिक धोखाधड़ी का शिकार बनाया है। वह बिना देर किए बैंक मैनेजर से भिड़ जाती है और जवाब मांगती है। यह दृश्य दिखाता है कि अभिरा सिर्फ भावनाओं में बहने वाली महिला नहीं है, बल्कि अन्याय के खिलाफ खड़ी होने वाली एक मजबूत किरदार भी है।
मायरा ने अरमान और गीतांजलि को बताया अपने पेरेंट्स
दूसरी तरफ, मायरा कुछ अजनबियों के सामने अरमान और गीतांजलि को अपने माता-पिता बताती है। अरमान तुरंत सफाई देता है कि गीतांजलि उसकी मां नहीं है, लेकिन मायरा मासूमियत से कहती है कि जो उसका ख्याल रखती है वही उसकी मां है। यह संवाद दर्शकों के दिल को छू जाता है।
मायरा का सवाल: “मेरी असली मां कौन है?”
मायरा का अगला सवाल अरमान को झकझोर देता है — “मेरी असली मां कौन है?” अरमान इसे टालने की कोशिश करता है, लेकिन मायरा अपनी जिद पर अड़ी रहती है। वह कहती है कि उसे यह जानने का अधिकार है। अरमान के लिए यह सवाल केवल एक प्रश्न नहीं, बल्कि एक भावनात्मक तूफान है जो उसकी पुरानी ज़िंदगी को फिर से खंगाल देता है।
अभिरा की कल्पना में उलझा अरमान
मायरा के सवालों से परेशान अरमान, अपनी कल्पनाओं में अभिरा को देखने लगता है। वह सोचता है कि अगर अभिरा सामने होती तो वह क्या सवाल करती? इस कल्पना और वास्तविकता के बीच जूझते हुए अरमान खुद पर काबू नहीं रख पाता और पूकी पर गुस्सा निकाल देता है।
एपिसोड के प्रमुख विषय
-
सत्ता और नियंत्रण: बंसल हाउस में कृष का प्रभुत्व इस बात का संकेत है कि पारिवारिक सत्ता अब बुजुर्गों के हाथ में नहीं रही।
-
मातृत्व और पहचान: मायरा के सवाल, कि मां वही होती है जो ख्याल रखे — पारंपरिक सोच को चुनौती देते हैं।
-
सच्चाई से भागना: अरमान की हिचकिचाहट यह दिखाती है कि कभी-कभी सच्चाई बताना सबसे मुश्किल काम होता है।
-
नारी शक्ति: अभिरा का मजबूत रवैया इस बात का उदाहरण है कि महिलाएं जब चाहें, किसी भी अन्याय के खिलाफ खड़ी हो सकती हैं।
किरदारों की भूमिका में बदलाव
-
अभिरा: निडर, सशक्त और न्याय के लिए लड़ने वाली नायिका।
-
अरमान: भीतर से टूटा हुआ, असमंजस में घिरा और भावनात्मक रूप से डांवाडोल।
-
कृष: सत्ता के शीर्ष पर लेकिन नैतिकता से दूर।
-
मायरा: मासूम, जिज्ञासु और भावनात्मक गहराई से भरपूर।
‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ का 23 मई का एपिसोड दर्शकों को भावनात्मक, सामाजिक और पारिवारिक जटिलताओं की गहराई तक ले जाता है। एक ओर जहां कृष की सत्ता घर में भय का माहौल बनाती है, वहीं अभिरा और मायरा अपने-अपने सवालों से दर्शकों का दिल जीत लेती हैं।
यह एपिसोड न सिर्फ पारिवारिक नाटक का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाता है कि रिश्तों में सच्चाई, अधिकार और प्रेम कितना अहम होता है।
Discover more from KKN Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.