बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री तमन्ना भाटिया, जिन्हें इंडस्ट्री में “मिल्की ब्यूटी” के नाम से जाना जाता है, ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री में बढ़ते Cosmetic Treatment ट्रेंड को लेकर खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि क्यों ज्यादातर कलाकार अपने ब्यूटी ट्रीटमेंट को लेकर खुलासा नहीं करते। तमन्ना का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की अचानक मौत के बाद ब्यूटी ट्रीटमेंट्स को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं।
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इंडस्ट्री में ब्यूटी को लेकर बढ़ा दबाव
फिल्म इंडस्ट्री में लुक्स और प्रेज़ेंटेशन को लेकर हमेशा से अत्यधिक दबाव रहा है। कैमरे की नजर और सोशल मीडिया के दौर में यह दबाव और भी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में कलाकार अपने चेहरे और शरीर को परफेक्ट दिखाने के लिए विभिन्न Cosmetic Procedures अपनाते हैं। हालांकि, इस पर खुलकर बात करना अब भी कठिन माना जाता है।
तमन्ना भाटिया ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और बताया कि क्यों सेलेब्स अपने इन ट्रांसफॉर्मेशन पर खुलकर बात करने से बचते हैं। उनका कहना है कि डर सिर्फ आलोचना का नहीं होता, बल्कि उस मानसिक तनाव का भी होता है जो इस जजमेंटल माहौल में झेलना पड़ता है।
तमन्ना ने बताया असली कारण
तमन्ना ने एक बातचीत में कहा कि जब कोई पब्लिक फिगर होता है तो उसके जीवन की हर बात लोगों की नजर में होती है। ऐसे में लोग उनके बारे में टिप्पणी करना अपना अधिकार समझते हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग हैं जो खुद भी यही सब करते हैं, लेकिन उन पर कोई सवाल नहीं उठता क्योंकि वे पब्लिक डोमेन में नहीं हैं।
उनका मानना है कि किसी की ज़िंदगी के पर्सनल फैसलों पर चर्चा करने से कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकलता। सिर्फ बातें होती हैं, जिनसे किसी का भला नहीं होता।
क्यों नहीं बोलते सेलेब्स अपने ट्रांसफॉर्मेशन के बारे में
तमन्ना ने स्वीकार किया कि आज की तारीख में Botox और Fillers जैसे ट्रीटमेंट कोई टैबू नहीं हैं। लेकिन इसके बावजूद ज्यादातर कलाकार इन पर चुप्पी साधे रहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वे नहीं चाहते कि उन्हें लेकर सोशल मीडिया पर Troll किया जाए या उनकी निंदा हो।
उन्होंने कहा कि Gen Z इससे काफी सहज है। जो भी Cosmetic Treatment कराते हैं, वे बिना किसी हिचक के इस पर बात करते हैं। लेकिन फिल्म इंडस्ट्री के लोग अब भी इतने सहज नहीं हैं क्योंकि उन्हें अपने हर बयान पर लोगों की प्रतिक्रिया झेलनी पड़ती है।
शेफाली जरीवाला की मौत के बाद बढ़ी बहस
हाल ही में अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की अचानक हुई मौत ने इंडस्ट्री में Cosmetic Treatment को लेकर चिंता बढ़ा दी। हालांकि उनकी मौत का सीधे तौर पर किसी ट्रीटमेंट से संबंध नहीं बताया गया, फिर भी यह विषय चर्चाओं में आ गया। सोशल मीडिया पर कई तरह के कयास लगाए गए। ऐसे माहौल में तमन्ना का सामने आना और इस विषय पर संतुलित दृष्टिकोण रखना सराहनीय माना जा रहा है।
महिलाओं पर ज्यादा दबाव, पुरुष रहते हैं बचाव में
तमन्ना ने यह भी इशारा किया कि फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं पर लुक्स को लेकर कहीं अधिक दबाव होता है। जबकि पुरुष कलाकार भी Grooming और Cosmetic Enhancement कराते हैं, लेकिन उन्हें उस नजर से नहीं देखा जाता। महिलाओं को हर समय परफेक्ट दिखने की उम्मीद की जाती है, और अगर वह Cosmetic Help लेती हैं, तो उन्हें आलोचना झेलनी पड़ती है।
यह दोहरा मापदंड महिलाओं पर अतिरिक्त मानसिक बोझ डालता है, जिससे वे अपने विकल्पों पर खुलकर बोलने से कतराती हैं।
सोशल मीडिया का दबाव और तुलना
सोशल मीडिया के इस दौर में हर स्टार की तुलना किसी और से होती है। हर फोटो पर ब्यूटी फिल्टर, मेकअप, परफेक्ट स्किन और नो-एजिंग लुक्स की उम्मीद की जाती है। इसके चलते कलाकारों पर दबाव और अधिक बढ़ जाता है। वे अपने लुक्स के लिए Cosmetic Support लेते हैं, लेकिन यह बात सार्वजनिक करना उनके लिए जोखिम भरा हो सकता है।
तमन्ना का मानना है कि इस विषय पर चुप्पी ही इस कल्चर को और मजबूत करती है। यदि कलाकार खुलकर बात करें, तो यह सामान्य प्रक्रिया बन सकती है और जजमेंट की प्रवृत्ति कम हो सकती है।
ईमानदारी से बोलना अब भी जोखिम भरा
तमन्ना ने स्पष्ट किया कि आज भी कोई सेलेब्रिटी अपने Cosmetic Procedure के बारे में खुले तौर पर बात करता है, तो वह Troll का शिकार हो सकता है। लोग उसे नकली, बनावटी या असली सुंदरता से दूर कहकर नीचा दिखाने लगते हैं। ऐसे में कई कलाकार चुप रहना ही बेहतर समझते हैं।
तमन्ना की यह बात स्पष्ट करती है कि चाहे समाज कितना भी आगे बढ़ गया हो, लेकिन पब्लिक फिगर्स को लेकर सोच अब भी संकीर्ण बनी हुई है। जब तक आलोचना की मानसिकता नहीं बदलेगी, तब तक ईमानदारी से बोलने वाले कलाकार कम ही होंगे।
बदलाव की उम्मीद और जागरूकता की ज़रूरत
तमन्ना भाटिया की बातें केवल उनके अनुभव नहीं हैं, बल्कि वे इंडस्ट्री में कई कलाकारों की सोच को आवाज़ देती हैं। Cosmetic Treatment अब आम बात है, लेकिन उस पर चुप्पी stigma को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि समय के साथ माहौल बदलेगा और लोग इस विषय पर खुलकर बात करने लगेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को यह समझना होगा कि सुंदर दिखना या उसमें सुधार करना एक निजी निर्णय है, न कि कोई अपराध। जब तक समाज समझ और सहानुभूति नहीं दिखाएगा, तब तक यह चुप्पी बनी रहेगी।
तमन्ना भाटिया का यह बयान इंडस्ट्री में फैले एक गहरे मुद्दे की ओर इशारा करता है। ब्यूटी ट्रीटमेंट अब न कोई रहस्य है, न ही शर्म की बात। फिर भी समाज का नजरिया ऐसा बना हुआ है कि कलाकार इन विषयों पर बात करने से बचते हैं।
उनका साफ कहना है कि एक कलाकार का काम है दर्शकों को एंटरटेन करना, न कि हर निजी निर्णय का स्पष्टीकरण देना। यदि हम सभी थोड़ी समझदारी और सहनशीलता दिखाएं, तो शायद सेलेब्स भी खुलकर अपनी बात रख सकें।
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