KKN गुरुग्राम डेस्क | टीवी एक्ट्रेस शुभांगी अत्रे (Shubhangi Atre), जो ‘भाभीजी घर पर हैं’ (Bhabiji Ghar Par Hain) में अंगूरी भाभी (Angoori Bhabhi) के किरदार से मशहूर हुईं, ने अपने पति पियूष पूरे (Piyush Poorey) से आधिकारिक रूप से तलाक (Divorce) ले लिया है। 22 साल तक शादीशुदा जीवन बिताने के बाद, उन्होंने 5 फरवरी 2025 को अलग होने का फैसला किया।
शुभांगी ने हाल ही में अपने तलाक पर खुलकर बात की, जहां उन्होंने बताया कि अब वह खुद को हल्का और आजाद महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला कठिन था, लेकिन अब वह अपनी बेटी आशी (Aashi) और अपने करियर पर पूरा फोकस करना चाहती हैं।
हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में शुभांगी अत्रे ने अपने रिश्ते और तलाक से जुड़ी भावनाओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि वह इस रिश्ते में पूरी तरह से इन्वेस्टेड थीं, लेकिन बीते कुछ सालों में चीजें बदलने लगीं।
📌 उन्होंने तलाक को एक दर्दनाक लेकिन जरूरी फैसला बताया।
📌 उन्होंने स्वीकार किया कि इतने लंबे रिश्ते को छोड़ना आसान नहीं था।
📌 अब वह खुद को हल्का और आजाद महसूस कर रही हैं।
शुभांगी ने यह भी बताया कि वह अब अपनी बेटी आशी के भविष्य पर ध्यान देना चाहती हैं, ताकि उसकी जिंदगी खुशहाल रहे।
शुभांगी अत्रे और पियूष पूरे ने 2003 में शादी की थी। हालांकि, बीते कुछ सालों से उनके रिश्ते में तनाव बढ़ने लगा था, जिसके चलते दोनों ने अलग होने का फैसला किया।
✔ 22 साल तक शादीशुदा जीवन बिताने के बाद तलाक लिया।
✔ उनकी एक बेटी आशी है, जिसकी जिम्मेदारी शुभांगी ने ली है।
✔ दोनों ने आपसी सहमति से यह फैसला किया और इसे सकारात्मक रूप से संभाला।
शुभांगी ने साफ कहा कि वह अपनी बेटी को उसके पिता से मिलने से कभी नहीं रोकेंगी।
जब शुभांगी से पूछा गया कि इस रिश्ते से उन्होंने क्या सीखा, तो उन्होंने एक बहुत बड़ी सीख साझा की।
📌 कभी भी अपनी खुशी के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
📌 अगर आप अपनी जरूरतों के लिए दूसरों पर भरोसा करेंगे, तो सिर्फ पछतावा मिलेगा।
📌 खुद को खुश रखना सबसे ज्यादा जरूरी है, तभी आसपास के लोग भी पॉजिटिव रहेंगे।
शुभांगी ने कहा कि अब वह खुद को पहले रखकर अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाना चाहती हैं।
कई सेलेब्रिटी तलाक में एलीमनी (Alimony) या फाइनेंशियल सेटलमेंट मांगते हैं, लेकिन शुभांगी अत्रे ने अपने पति से कुछ भी नहीं मांगा।
✔ उन्होंने अपनी बेटी आशी की पढ़ाई और जरूरतों की पूरी जिम्मेदारी खुद ली है।
✔ उन्होंने अपने पूर्व पति से कोई आर्थिक मदद नहीं मांगी।
✔ तलाक को उन्होंने सम्मानजनक और सकारात्मक तरीके से निपटाया।
शुभांगी ने कहा कि वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं और अपने दम पर अपनी बेटी की देखभाल कर सकती हैं।
अब जब तलाक की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, शुभांगी अत्रे ने अपने जीवन में नए अध्याय की शुरुआत कर दी है।
📌 उनका पूरा ध्यान अपनी बेटी आशी की परवरिश पर है।
📌 वह अपने करियर को और बेहतर बनाने पर फोकस कर रही हैं।
📌 अपनी मानसिक और शारीरिक भलाई का पूरा ख्याल रख रही हैं।
उन्होंने साफ कहा कि अभी वह किसी और रिश्ते में जाने के बारे में नहीं सोच रही हैं और खुद की पहचान को और मजबूत बनाना चाहती हैं।
हालांकि शुभांगी ने अपने तलाक की सटीक वजह का खुलासा नहीं किया, लेकिन उन्होंने इशारों में यह बताया कि समय के साथ रिश्ते में बदलाव आ गए थे।
✔ शादीशुदा जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए।
✔ उन्होंने इस रिश्ते को बचाने की पूरी कोशिश की।
✔ आखिरकार, दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया।
हालांकि उनका 22 साल का रिश्ता खत्म हो गया, लेकिन उन्होंने इसे सम्मान और समझदारी के साथ संभाला।
शुभांगी अत्रे की तलाक की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा बन सकती है।
📌 रिश्ता निभाने की पूरी कोशिश करें, लेकिन जब चीजें बिगड़ने लगे तो खुद की खुशी को प्राथमिकता दें।
📌 कभी भी अपनी खुशी के लिए किसी और पर निर्भर न रहें।
📌 आर्थिक रूप से स्वतंत्र रहना बेहद जरूरी है, खासकर महिलाओं के लिए।
📌 अगर कोई रिश्ता बोझ बन जाए, तो उसे सम्मानजनक तरीके से खत्म करना ही सही फैसला होता है।
शुभांगी अत्रे की तलाक की कहानी यह सिखाती है कि खुद को मजबूत बनाना और आगे बढ़ना कितना जरूरी है।
अब जब वह अपनी शादीशुदा जिंदगी के इस अध्याय को पीछे छोड़ चुकी हैं, शुभांगी एक नई शुरुआत करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
✔ वह अपने टेलीविजन करियर पर पूरा फोकस कर रही हैं।
✔ नई स्क्रिप्ट्स और प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं।
✔ अपनी बेटी के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिता रही हैं।
✔ स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने की कोशिश कर रही हैं।
उनके फैंस ने उन्हें ढेर सारा प्यार और सपोर्ट दिया, और उनकी हिम्मत और आत्मनिर्भरता की तारीफ की।
📌 22 साल के रिश्ते के अंत के बाद, शुभांगी अत्रे ने एक नई राह चुनी है।
📌 अब वह अपनी बेटी और करियर पर पूरा ध्यान देना चाहती हैं।
📌 उन्होंने तलाक को एक सकारात्मक बदलाव के रूप में स्वीकार किया।
📌 उनकी कहानी आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान की मिसाल है।
शुभांगी अत्रे ने साबित कर दिया कि मुश्किल फैसले भी जीवन में आगे बढ़ने का एक जरिया होते हैं। उनका यह सफर लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन सकता है, जो अपने आत्मसम्मान और खुशी के लिए सही फैसला लेने में हिचकिचाती हैं।
This post was published on मार्च 4, 2025 12:14
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