KKN गुरुग्राम डेस्क | दिल्ली के जाने-माने बिजनेसमैन और करिश्मा कपूर के पूर्व पति संजय कपूर का निधन 12 जून 2025 को लंदन में हुआ था। आज यानी 19 जून को उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा। वहीं, उनकी याद में एक प्रार्थना सभा (Prayer Meet) का आयोजन 22 जून को दिल्ली के ताज पैलेस होटल में किया जाएगा।
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संजय कपूर की मृत्यु के बाद उनका एक शोक संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें करिश्मा कपूर और उनके दोनों बच्चों समायरा और कियान का नाम भी शोक संतप्त परिजनों में शामिल किया गया है। करिश्मा गुरुवार सुबह मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना हो गईं और बच्चों के साथ अंतिम विदाई में शामिल होंगी।
अंतिम संस्कार में करिश्मा और बच्चे रहेंगे मौजूद
सूत्रों के अनुसार, करिश्मा कपूर ने गुरुवार सुबह ही अपने बच्चों समायरा और कियान के साथ दिल्ली के लिए उड़ान भरी। वह दिल्ली में संजय कपूर के अंतिम संस्कार में शामिल होंगी। यह अंतिम विदाई उन दोनों परिवारों के लिए भावुक क्षण होगा, खासकर उनके बच्चों के लिए।
हालांकि करिश्मा और संजय के बीच तलाक हो चुका था, लेकिन बच्चों के कारण करिश्मा उनके परिवार से जुड़ी रहीं और ऐसे समय में साथ होना इंसानियत और जिम्मेदारी दोनों का प्रतीक है।
ताज पैलेस में होगी प्रेयर मीट
परिवार द्वारा साझा किए गए शोक संदेश के अनुसार, 22 जून 2025 को शाम 4 बजे ताज पैलेस होटल, नई दिल्ली में प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा। इसमें परिवार के सदस्य, करीबी मित्र, बिजनेस सहयोगी और सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी हस्तियां शामिल होंगी।
वायरल शोक संदेश में जिन लोगों को शोकग्रस्त बताया गया है, वे हैं:
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रानी सुरिंदर कपूर (संजय की मां)
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प्रिया सचदेव कपूर (वर्तमान पत्नी)
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अजरियास कपूर (प्रिया और संजय का बेटा)
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करिश्मा कपूर, समायरा, और कियान (संजय की पहली पत्नी और बच्चे)
क्यों हुआ अंतिम संस्कार में देरी?
संजय कपूर का निधन लंदन में हुआ था, लेकिन उनका अंतिम संस्कार एक सप्ताह बाद दिल्ली में हो रहा है। इसके पीछे कानूनी औपचारिकताएं और दस्तावेजी प्रक्रिया जिम्मेदार रही।
बताया गया है कि संजय कपूर के पास अमेरिकी नागरिकता थी, जिसके कारण उनके पार्थिव शरीर को भारत लाने में अंतरराष्ट्रीय स्तर की अनुमति और प्रक्रिया पूरी करनी पड़ी। इन कागजी कार्रवाइयों के कारण अंतिम संस्कार में देरी हुई।
कैसे हुआ निधन?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय कपूर की मृत्यु लंदन में पोलो खेलते समय हुई। वहां मौजूद चश्मदीदों के अनुसार, उन्होंने खेल के दौरान अनजाने में एक मधुमक्खी निगल ली, जिसके डंक से तेज एलर्जी रिएक्शन हुआ और उन्हें कार्डिएक अरेस्ट (हृदय गति रुकना) आ गया।
उनकी उम्र 53 वर्ष थी। मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार, मधुमक्खी का डंक यदि मुंह या गले में लगे तो वह गंभीर एलर्जिक रिएक्शन पैदा कर सकता है, जिससे कार्डिएक अरेस्ट की स्थिति बन सकती है।
संजय कपूर कौन थे?
संजय कपूर दिल्ली के एक प्रसिद्ध उद्योगपति थे। वह बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर के पहले पति थे। दोनों की शादी 2003 में हुई थी, लेकिन 2016 में तलाक हो गया। बाद में संजय ने 2017 में मॉडल और बिजनेसवुमन प्रिया सचदेव से शादी की थी।
उनकी पहली शादी से उन्हें दो बच्चे हैं – समायरा और कियान, और दूसरी शादी से एक बेटा अजरियास है।
संजय कपूर ऑटोमोबाइल, फैशन और रियल एस्टेट जैसे बिजनेस क्षेत्रों में सक्रिय थे। साथ ही, उन्हें घुड़सवारी और पोलो जैसे खेलों का भी शौक था।
करिश्मा कपूर और संजय का रिश्ता
भले ही करिश्मा और संजय के बीच शादी समाप्त हो गई थी, लेकिन दोनों ने बच्चों की परवरिश को प्राथमिकता दी। को-पेरेंटिंग (साझा पालन-पोषण) के कारण दोनों के बीच एक सीमित लेकिन सम्मानजनक संबंध बना रहा।
अभी करिश्मा का दिल्ली पहुंचना और अंतिम संस्कार में बच्चों के साथ शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि व्यक्तिगत मतभेदों के बावजूद मानवीय रिश्ते और संवेदनाएं प्राथमिक होती हैं।
सोशल मीडिया पर भावुक प्रतिक्रियाएं
संजय कपूर के निधन की खबर सामने आने के बाद, सोशल मीडिया पर बॉलीवुड और बिजनेस वर्ल्ड की कई जानी-मानी हस्तियों ने शोक व्यक्त किया।
एक सोशल मीडिया यूज़र ने लिखा:
“एक बेहतरीन पिता, उदार दिल इंसान और खेल प्रेमी की असामयिक मृत्यु से दिल टूट गया है।”
अंतिम विदाई में दोनों परिवार होंगे शामिल
संजय कपूर की अंतिम विदाई में उनके दोनों परिवार – करिश्मा और बच्चों का परिवार, और प्रिया के साथ नया परिवार – मौजूद रहेगा। यह घटना दर्शाती है कि समय और परिस्थिति बदल सकते हैं, लेकिन इंसानियत और सम्मान नहीं बदलते।
संजय कपूर का जाना एक निजी क्षति है, लेकिन उनके जीवन से जुड़ी सभी कहानियां – शादी, तलाक, दोबारा विवाह, बच्चों के साथ रिश्ते – आज उन्हें जोड़ कर देख रही हैं।
उनकी अंतिम यात्रा में करिश्मा कपूर, समायरा, कियान, प्रिया और अजरियास का एक साथ आना दर्शाता है कि रिश्तों में कड़वाहट से ज़्यादा गहराई और संवेदनशीलता होती है।
संजय की यादें अब उनके बच्चों और परिवार में जिंदा रहेंगी।
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