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भूल चूक माफ: राजकुमार राव की फिल्म अब 23 मई को होगी थिएटर में रिलीज, कोर्ट केस के बाद बदला फैसला

‘Bhool Chuk Maaf’ Box Office Collection: A Solid Start with Impressive Numbers

गुरुग्राम डेस्क | राजकुमार राव और वामिका गब्बी की नई फिल्म ‘भूल चूक माफ’ अब 23 मई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म को लेकर बीते कुछ दिनों से भारी विवाद और कोर्ट केस चल रहा था, जिसकी वजह से इसकी रिलीज अनिश्चित हो गई थी।

मामला तब शुरू हुआ जब फिल्म के निर्माता मैडॉक फिल्म्स ने रिलीज से एक दिन पहले अचानक थिएट्रिकल रिलीज को रद्द कर दिया और 16 मई को अमेज़न प्राइम वीडियो पर इसे रिलीज करने की घोषणा की। इस कदम से पीवीआर आईनॉक्स को भारी नुकसान हुआ क्योंकि एडवांस बुकिंग पहले ही हो चुकी थी। इसके बाद पीवीआर ने मैडॉक फिल्म्स पर ₹60 करोड़ का मुकदमा दायर किया।

भारत-पाक तनाव के चलते टली थी फिल्म की रिलीज

मूल रूप से फिल्म को 9 मई 2025 को रिलीज किया जाना था। लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े हुए तनाव और उत्तर भारत के कई राज्यों में सुरक्षा कारणों से स्कूल, कॉलेज और मॉल बंद होने की वजह से निर्माता दिनेश विजान ने यह निर्णय लिया कि फिल्म को ओटीटी पर रिलीज किया जाए।

उनका मानना था कि इस माहौल में दर्शक थिएटर नहीं आएंगे और फिल्म को नुकसान होगा। हालांकि यह फैसला पीवीआर जैसे मल्टीप्लेक्स चेन के लिए भारी घाटे का सौदा बन गया क्योंकि लाखों की टिकट बिक्री पहले ही हो चुकी थी।

कोर्ट का हस्तक्षेप: पहले थिएटर, फिर ओटीटी

मामला अदालत तक पहुंचा, जहां सुनवाई के दौरान अदालत ने ओटीटी रिलीज पर रोक लगाते हुए स्पष्ट आदेश दिया कि फिल्म को पहले सिनेमाघरों में रिलीज किया जाए और उसके 8 हफ्ते बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम किया जाए, जैसा कि अधिकांश फिल्मों के साथ होता है।

अदालत ने कहा कि अनुबंध के उल्लंघन से पूरे फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम पर असर पड़ता है और इससे दर्शकों का भरोसा भी टूटता है। इसके बाद दिनेश विजान की प्रोडक्शन कंपनी मैडॉक फिल्म्स ने अदालत के आदेश का पालन करते हुए थिएटर रिलीज के लिए हामी भर दी।

पीवीआर ने ₹60 करोड़ का मुकदमा वापस लिया

कोर्ट के फैसले के बाद पीवीआर आईनॉक्स ने भी मैडॉक फिल्म्स पर से ₹60 करोड़ का केस वापस ले लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी फिल्म को ब्लॉक करना नहीं था, बल्कि अपने बिजनेस नुकसान की भरपाई और पारदर्शिता की मांग करना था।

यह समझौता फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक अहम मिसाल बन गया है कि ओटीटी और थिएटर के बीच तालमेल जरूरी है, और अंतिम समय पर फैसलों से सभी पक्षों को नुकसान हो सकता है।

फिल्म की कहानी: रोमांस, कॉमेडी और टाइम लूप का दिलचस्प मिश्रण

‘भूल चूक माफ’ एक रोमांटिक कॉमेडी है जिसमें साइंस फिक्शन का ट्विस्ट है। फिल्म की कहानी एक टाइम लूप पर ित है, जहां किरदार समय में फंस जाता है और उसे बार-बार अपनी गलती सुधारने का मौका मिलता है।

राजकुमार राव इस फिल्म में एक ऐसे युवक की भूमिका निभा रहे हैं जो अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती को बदलने की कोशिश करता है। उनके साथ वामिका गब्बी मुख्य भूमिका में हैं, जो ओटीटी पर अपनी एक्टिंग से पहचान बना चुकी हैं और अब बड़े पर्दे पर धमाल मचाने को तैयार हैं।

मार्केटिंग की नई शुरुआत: 15 मई से प्रचार अभियान फिर से शुरू

अब जब फिल्म की रिलीज डेट तय हो गई है, 15 मई से इसके प्रमोशन की शुरुआत दोबारा की गई है। फिल्म के पोस्टर, ट्रेलर और प्रमोशनल वीडियोज़ को फिर से सोशल मीडिया और मल्टीप्लेक्स स्क्रीन पर रिलीज किया जा रहा है।

राजकुमार राव और वामिका गब्बी विभिन्न टीवी शो और डिजिटल इंटरव्यू में फिल्म का प्रमोशन करते नजर आएंगे। साथ ही, पीवीआर ने भी खास ऑफर्स और रिवॉर्ड्स की घोषणा की है ताकि दर्शक दोबारा टिकट बुक करें।

ओटीटी बनाम थिएटर: बहस फिर से हुई तेज

‘भूल चूक माफ’ विवाद ने एक बार फिर इस बहस को हवा दे दी है कि फिल्में पहले ओटीटी पर आएं या थिएटर में। कोविड-19 के बाद से ओटीटी ने बड़ी तेजी से दर्शकों को अपनी ओर खींचा है, लेकिन मल्टीप्लेक्स मालिक मानते हैं कि बॉलीवुड की असली जान थिएटर में ही है

यह केस इस बात को साफ करता है कि ओटीटी की लोकप्रियता के बावजूद, थिएट्रिकल रिलीज अभी भी कानूनी और व्यावसायिक रूप से जरूरी है, खासकर बड़ी फिल्मों के लिए।

बॉक्स ऑफिस पर क्या करेगा फिल्म का प्रदर्शन?

विवाद के चलते फिल्म को जो पब्लिसिटी मिली है, वह अब बॉक्स ऑफिस पर फिल्म के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। ट्रेंड एनालिस्ट्स का मानना है कि शुरुआती वीकेंड पर फिल्म अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।

राजकुमार राव की एक्टिंग, दिलचस्प कॉन्सेप्ट और अब जुड़ी कानूनी चर्चा—सभी मिलकर फिल्म के पक्ष में माहौल बना रहे हैं। अब देखना ये होगा कि दर्शकों को यह कहानी कितनी पसंद आती है।

जैसे फिल्म का नाम है ‘भूल चूक माफ‘, वैसे ही फिल्म के निर्माताओं की गलती को कोर्ट और मल्टीप्लेक्स मालिकों ने माफ कर दिया है, लेकिन एक सीख के साथ। इस केस ने फिल्म इंडस्ट्री में रिलीज रणनीतियों की पारदर्शिता और अनुशासन की अहमियत को सामने रखा है।

अब जब फिल्म दोबारा पटरी पर लौट रही है, दर्शकों को भी इससे जुड़ी उम्मीदें हैं। अगर फिल्म कहानी और प्रस्तुति में दमदार निकली, तो यह विवाद से आगे बढ़कर सफलता की मिसाल बन सकती है।


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