मुजफ्फरपुर। मीनापुर के बीआरसी भवन में बुधवार को परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने शपत समारोह करके स्थायी होने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया। पटना हाईकोर्ट के द्वारा समान काम हेतु समान बेतन देने के निर्णय से उत्साहित होकर शिक्षक संघ ने बिहार सरकार से कोर्ट के आदेश को बिना देरी किये लागू करने की मांग की है। इससे पहले कोर्ट के फैसले से उत्साही नियोजित शिक्षको ने एक दूसरे को गुलाल लगाया और मिठाइयां बांट कर एक दूसरे को बधाई दी है।
शमशाद अहमद शाहिल की अध्यक्षता में सभा को सुबोध कुमार, अजीत कुमार, सुनील कुमार, लखनलाल निषाद, लक्ष्मीनारायण कुमार, धीरज कुमार, धनंजय कुमार, विनोद कुमार, शशिरंजन कुमार, धर्मेन्द्र कुमार, काजल कुमारी, रीता कुमारी, राकेश कुमार, मनोज कुमार, पवन कुमार व संजीव कुमार आदि ने सभा को संबोधित किया। मौके पर करीब पांच दर्जन से अधिक शिक्षक नेता मौजूद थे।
बतातें चलें कि राज्य के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों के लिए हाईकोर्ट ने समान काम के बदले समान वेतन देने का आदेश देते हुए राज्य सरकार से कहा है कि नियोजित शिक्षकों को 8 दिसंबर 2009 से स्थायी शिक्षक के समान वेतन दिया जाए। साथ ही सभी नियोजित शिक्षकों को 7वां वेतन देने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन माह के भीतर सारी प्रक्रिया पूरी कर नियोजित शिक्षकों को ‘इक्वल वेज फॉर इक्वल वर्क’ देने को कहा है। यह भी कहा है कि राजकीयकृत स्कूल रेगुलर शिक्षकों के समान नियोजित शिक्षकों का वेतन फिक्स करें। कोर्ट के इस आदेश से नियोजित शिक्षको में खुशी की लहर है।
हालांकि हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि इस आदेश की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। दूसरी ओर राज्य के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि, ‘कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं। नियोजित शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया अलग है। इनकी नियुक्ति भी पंचायती राज संस्थाओं के अधीन संचालित नियोजन इकाइयों के माध्यम से होती है। हम माननीय उच्च न्यायालय के फैसले का गंभीरतापूर्वक अध्ययन करेंगे फिर सरकार के अगले कदम पर फैसला लेंगे।
This post was published on नवम्बर 1, 2017 18:49
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