बिहार सरकार ने राज्य के लाखों शिक्षकों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी एक प्रेस नोट में यह निर्णय सामने आया है। अब विशिष्ट शिक्षकों, प्रधान शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को वेतन संरक्षण यानी पे प्रोटेक्शन का लाभ मिलेगा। शिक्षा विभाग के सचिव ने रविवार को यह प्रेस नोट जारी किया है। इसमें बताया गया है कि सरकारी स्कूलों में नियोजित से बने विशिष्ट शिक्षकों को यह लाभ मिलेगा। प्राथमिक विद्यालयों के प्रधान शिक्षकों को भी अब यह सुविधा प्राप्त होगी। इस महत्वपूर्ण निर्णय से तीन लाख से अधिक शिक्षकों की आय बढ़ेगी। उन्हें हर महीने चार से पाँच हजार रुपये तक की एक्स्ट्रा इनकम होगी।
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विशिष्ट शिक्षक और एजुकेटर्स को वेतन संरक्षण का लाभ
शिक्षा विभाग के अनुसार, करीब 2.45 लाख स्थानीय निकाय शिक्षक हैं। इन शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा प्रथम और द्वितीय चरण पास किया है। इन्होंने विशिष्ट शिक्षक के रूप में अपना योगदान दिया है। उन्हें विद्यालय में योगदान की तारीख से ही वेतन संरक्षण का लाभ प्राप्त होगा। इन शिक्षकों को अक्टूबर 2025 के वेतन के साथ ही योगदान तिथि से बकाया वेतन वृद्धि का भुगतान किया जाएगा। इसी प्रकार, सक्षमता तृतीय, चतुर्थ और पंचम परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों को भी यह लाभ दिया जाएगा।
प्रधान शिक्षकों को भी मिलेगा फायदा
हाल ही में राज्य के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में लगभग 28,750 विशिष्ट शिक्षक या स्थानीय निकाय शिक्षक पदोन्नत हुए हैं। ये अब प्रधान शिक्षक के पद पर कार्य कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने फैसला किया है कि इन सभी प्रधान शिक्षकों को भी योगदान की तिथि से ही वेतन संरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके लिए बिहार प्रारंभिक विद्यालय प्रधान शिक्षक नियमावली-2024 के तहत एक अधिसूचना जारी की जा रही है।
शिक्षकों की बड़ी मांग हुई पूरी
शिक्षक संघ लंबे समय से सरकार से पे प्रोटेक्शन लागू करने की माँग कर रहे थे। शिक्षकों को डर था कि विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद उनके वेतनमान में कटौती हो सकती है। सरकार के इस फैसले से अब यह आशंका पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। शिक्षकों को उनके पुराने वेतनमान के आधार पर ही वेतन मिलेगा। इससे उन्हें किसी भी प्रकार का वित्तीय नुकसान नहीं होगा।
क्या है वेतन संरक्षण का नियम?
वेतन संरक्षण का सीधा मतलब है कि पद बदलने पर कर्मचारी के वेतन में कमी नहीं होगी। यानी, जब शिक्षक विशिष्ट शिक्षक या प्रधान शिक्षक के रूप में शामिल होंगे। उन्हें उनके पहले के वेतन के बराबर या उससे अधिक सैलरी दी जाएगी। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि शिक्षकों को उनके अनुभव और पूर्व सेवा का पूरा लाभ मिले।
सेवा निरंतरता पर फैसला अभी लंबित
इस बीच, शिक्षकों की सेवा निरंतरता और वरीयता निर्धारण से जुड़े मामले लंबित हैं। इन मामलों पर बनी नौ सदस्यीय कमेटी की दूसरी बैठक 10 अक्टूबर को बुलाई गई है। यह कमेटी प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला की अध्यक्षता में काम कर रही है। यह कमेटी राज्यभर के शिक्षकों की सेवा निरंतरता, प्रोन्नति और वरीयता निर्धारण पर रिपोर्ट तैयार करेगी। इन महत्वपूर्ण मामलों पर फैसलों का शिक्षक समुदाय को बेसब्री से इंतजार है।



