अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेलो की लगातार बढ़ती कीमतों को गंभीरता से लेते हुए कुछ खास नीतिगत मुद्दों की का तरफ विशेषज्ञों का ध्यान आकर्षित किया है। पीएम ने कहा कि कच्चे तेल के उपभोक्ता देशों को कच्चे तेल के ऊंचे दाम की वजह से कई तरह की आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उनके समक्ष संसाधनों की गंभीर तंगी खड़ी हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तेल उत्पादकों और उपभोक्ता देशों के बीच भागीदारी के संबंध पर जोर दिया है। ताकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिल सके।
मोदी की अपील
मोदी ने तेल उत्पादक देशों से अपील की है कि वे अपने निवेश योग्य अधिशेष को विकासशील देशों के तेल क्षेत्र में वाणिज्यिक लाभ के लिए लगायें। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है। मोदी ने सोमवार को राजधानी में तेल एवं गैस क्षेत्र की देशी-विदेशी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बातचीत के दौरान ये सुझाव दिए।
पीएमओ ने जारी किया बयान
पीएमओ के बायान में कहा गया है कि बाजार में उत्पादन पर्याप्त मात्रा में हो रहा है, लेकिन तेल क्षेत्र में विपणन के विशेष तौर तरीकों से तेल के दाम चढ़ गए हैं। प्रधानमंत्री ने दूसरे बाजारों की तरह कच्चे तेल के बाजार में उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच मजबूत भागीदारी स्थापित किए जाने पर जोर दिया है। इससे नरमी से उबर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता आयेगी। उन्होंने कहा कि तेल उत्पादक देशों को अपने पास उपलबध निवेश योग्य बचतों को विकासशील देशों में तेल क्षेत्र में वाणिज्यिक लाभ के लिए लगाना चाहिये।
बैठक में ये लोग थे मौजूद
इस बैठक में सउदी अरब और यूएई के मंत्री तथा आरामको, एडीएनओसी, बीपी, रास्नेफ्ट, आईएचएस मार्किट, पायनीयर नेचुरल रिसोर्सिज कंपनी, एतसन इलेक्ट्रिक कंपनी, टेलूरियन मुबाडला इन्वेस्टमेंट कंपनी सहित तेल खेत्र की कई कंपनियों के सीईओ और विशेषज्ञ शामिल हुये। हालांकि, जानकार बतातें हैं कि इस बैठक के तत्काल बाद उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद नहीं हैं। किंतु, कालांतर में इसका असर देखने को मिल सकता है।