KKN गुरुग्राम डेस्क | देशभर में तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट सिस्टम के बीच आज से UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) में एक महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो गया है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक नया सर्कुलर जारी करते हुए यह निर्देश दिया है कि ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक और पेमेन्ट रिवर्सल से जुड़ी APIs के रिस्पॉन्स टाइम को 30 सेकंड से घटाकर 10 सेकंड कर दिया जाए।
इसके अलावा, ‘Validate Address’ APIs (Pay और Collect ऑपरेशन्स) के लिए रिस्पॉन्स टाइम 15 सेकंड से घटाकर 10 सेकंड निर्धारित किया गया है। यह बदलाव पूरे UPI इकोसिस्टम में तेज, भरोसेमंद और उपयोगकर्ता-केंद्रित अनुभव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है।
क्या बदला है UPI सिस्टम में 16 जून 2025 से?
NPCI द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार, इस बदलाव का उद्देश्य है:
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UPI सिस्टम की स्पीड और उत्तरदायित्व बढ़ाना
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फेल ट्रांजैक्शन में देरी को कम करना
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उपयोगकर्ताओं को रीयल टाइम अपडेट्स प्रदान करना
नीचे देखें प्रमुख बदलाव:
UPI API फ़ंक्शन | पहले का रिस्पॉन्स टाइम | नया रिस्पॉन्स टाइम |
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ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक | 30 सेकंड | 10 सेकंड |
ट्रांजैक्शन रिवर्सल | 30 सेकंड | 10 सेकंड |
वेलिडेट एड्रेस (पे / कलेक्ट एपीआई) | 15 सेकंड | 10 सेकंड |
किन पर लागू होगा यह नया बदलाव?
यह नया नियम सभी UPI पार्टिसिपेंट्स पर लागू होगा, जिनमें शामिल हैं:
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रिमिटर बैंक (जो भुगतान भेजते हैं)
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बेनिफिशियरी बैंक (जो भुगतान प्राप्त करते हैं)
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प्रमुख पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSP) जैसे:
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PhonePe
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Google Pay
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Paytm
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BHIM
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यूपीआई यूज़र्स के लिए पहले से बेहतर अनुभव
इस बदलाव से सबसे बड़ा फायदा यूजर्स को मिलने वाला है। पहले जहां फेल ट्रांजैक्शन या रिवर्सल की स्थिति में 30 सेकंड तक का इंतजार करना पड़ता था, अब वह प्रक्रिया सिर्फ 10 सेकंड में पूरी हो सकेगी।
NPCI ने अपने बयान में कहा,
“इस परिवर्तन का उद्देश्य क्रिटिकल UPI ऑपरेशन्स जैसे कि ट्रांजैक्शन रिवर्सल और स्टेटस चेक के टर्नअराउंड टाइम को तेज करना है।”
यह बदलाव खासकर इन परिस्थितियों में उपयोगकर्ताओं को मदद करेगा:
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जब नेटवर्क लेटेंसी के कारण ट्रांजैक्शन लटक जाता है
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जब कन्फर्मेशन में देरी होती है
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जब रिफंड या फेल ट्रांजैक्शन का समाधान लंबा खिंचता है
NPCI का निर्देश: बैंक और पार्टनर तुरंत करें बदलाव
NPCI ने सभी मेंबर बैंक, PSP और एक्वायरिंग संस्थानों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उनकी तकनीकी संरचना नए रिस्पॉन्स टाइम को हैंडल कर सके।
सर्कुलर में कहा गया:
“इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाना है। सभी पार्टनर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि UPI API रिस्पॉन्स तय समय के भीतर हो, और किसी भी थर्ड-पार्टी डिपेंडेंसी को भी ध्यान में रखा जाए।”
साथ ही, NPCI ने API सिस्टम की ऑडिटिंग और टेस्टिंग करने की सलाह भी दी है ताकि नए स्टैंडर्ड के अनुसार सभी सेवाएं सुचारू रूप से चल सकें।
PhonePe, Google Pay, Paytm जैसे UPI ऐप्स को मिलेगा लाभ
भारत में सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले UPI ऐप्स जैसे:
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PhonePe
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Google Pay
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Paytm
को इस बदलाव से विशेष फायदा मिलेगा। तेज रिस्पॉन्स टाइम का अर्थ है:
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पेंडिंग ट्रांजैक्शन का तेज समाधान
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ग्राहक शिकायतों में कमी
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पीक ट्रैफिक के दौरान स्मूद ऑपरेशन
यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में हर महीने 12 अरब से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन होते हैं, और ऐप की परफॉर्मेंस सीधे ग्राहक संतुष्टि को प्रभावित करती है।
अगस्त 2025 से लागू होंगे और बड़े बदलाव
NPCI द्वारा 21 मई 2025 को जारी एक अन्य सर्कुलर के अनुसार, अगस्त 2025 से UPI सिस्टम में दूसरा बड़ा फेज लागू किया जाएगा।
प्रस्तावित बदलाव:
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बैंक और PSP को सभी API रिक्वेस्ट को मॉडरेट करना होगा
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बैलेंस इंक्वायरी, लिंक्ड अकाउंट की लिस्ट, और ऑटोपे मैंडेट एक्जीक्यूशन में बदलाव किए जाएंगे
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ऐप्स या मर्चेंट्स से आने वाले अनियमित API व्यवहार पर नजर रखने के लिए एन्हांस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम लागू होंगे
इन सभी उपायों का उद्देश्य है API के गलत इस्तेमाल, ट्रांजैक्शन ओवरलोड और मर्चेंट लेवल खामियों को रोकना।
UPI को ग्लोबल फिनटेक लीडर बनाने की दिशा में एक और कदम
भारत में UPI के 35 करोड़ से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं। यह सिस्टम अब केवल घरेलू नहीं रहा, बल्कि ग्लोबल फिनटेक सिस्टम में भी अपना स्थान बना रहा है। फ्रांस, सिंगापुर जैसे देश भारत के UPI सिस्टम को अपनाने की प्रक्रिया में हैं।
इसलिए ऐसे बदलाव न सिर्फ भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन को तेज और सुरक्षित बनाएंगे, बल्कि भारत की छवि को फिनटेक नवाचार में अग्रणी भी बनाएंगे।
चुनौतियां भी कम नहीं
हालांकि यह बदलाव सकारात्मक है, लेकिन इसके लागू होने में कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं:
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पुरानी बैंकिंग सिस्टम्स को अपग्रेड करना होगा
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PSPs को अपने पार्टनर बैंकों के साथ रीयल टाइम सिंक करना होगा
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छोटे सहकारी बैंकों के लिए स्केलिंग कठिन हो सकता है
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मर्चेंट प्लेटफॉर्म्स को तेज़ ट्रांजैक्शन रेस्पॉन्स से तालमेल बैठाना होगा
NPCI ने इसके लिए ट्रांजिशन पीरियड और टेक्निकल गाइडलाइंस पहले ही जारी कर दी हैं।
आज लागू हुआ यह API रिस्पॉन्स टाइम में बदलाव, भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति में एक और मील का पत्थर साबित हो सकता है। 10 सेकंड में ट्रांजैक्शन स्टेटस और रिवर्सल से न केवल यूजर एक्सपीरियंस बेहतर होगा, बल्कि इससे लोगों का UPI पर भरोसा और गहरा होगा।
जैसे-जैसे UPI को और भी अधिक आधुनिक और अंतरराष्ट्रीय रूप से अनुकूल बनाने की तैयारी हो रही है, यह स्पष्ट है कि NPCI का फोकस केवल स्पीड नहीं बल्कि सिक्योरिटी, स्टेबिलिटी और स्केलेबिलिटी पर भी है।
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