तमिलनाडु के नमक्कल जिले से एक बेहद ही चौंकाने वाली और खौ़फनाक घटना सामने आई है। एक पिता ने अपनी तीन बेटियों की बेरहमी से हत्या कर दी और इसके बाद अपनी गर्दन काटकर आत्महत्या कर ली। इस वारदात के पीछे की वजह ने सबको चौंका दिया है। इस घटना में सबसे हैरानी की बात यह है कि आरोपी ने अपनी पत्नी और बेटे को दूसरे कमरे में बंद कर दिया था ताकि वे बाहर न आ सकें।
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घटना का विवरण
यह दुखद घटना 5 अगस्त 2025 को तड़के करीब 3 बजे नमक्कल जिले के वेप्पगौंडनपुथुर गांव में हुई। पुलिस के अनुसार, 36 वर्षीय एम. गोविंदराज ने अपनी तीन नाबालिग बेटियों – प्रतीक्षाश्री (10), ऋतिकाश्री (7) और देवाश्री (6) – की चाकू से गला रेतकर हत्या की। इसके बाद, उसने खुद का गला काटकर आत्महत्या कर ली। यह घटना बेहद ही दिल दहला देने वाली है, और इससे इलाके में हड़कंप मच गया है।
पत्नी और बेटे को किया कमरे में बंद
जब यह खौ़फनाक वारदात हुई, तो गोविंदराज की पत्नी भारती (26) और उनका एक साल का बेटा अग्नेश्वरन दूसरे कमरे में थे। पुलिस ने बताया कि गोविंदराज ने उस कमरे को बाहर से बंद कर दिया था, जिससे पत्नी और बेटे को किसी भी तरह की मदद मिलना मुश्किल हो गया। वे कमरे से बाहर नहीं आ सके और इस दौरान पूरी घटना घटित हुई।
पड़ोसियों की मदद से खुली सच्चाई
करीब 3 बजे जब बच्चों के चीखने की आवाजें आईं, तब आसपास के पड़ोसी घर पहुंचे। उन्होंने भारती को बंद कमरे से बाहर निकाला और फिर अंदर जाकर देखा कि तीनों बेटियां मृत पड़ी हुई थीं और उनके पिता का शव पास ही पड़ा था। गोविंदराज का गला कटा हुआ था और वह खून से सना हुआ था। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए और पुलिस को सूचित किया।
प्रारंभिक जांच में सामने आई वजह
पुलिस के अनुसार, गोविंदराज ने हाल ही में 20 लाख रुपये का कर्ज लिया था। वह इस पैसे से एक बोरवेल फर्म शुरू करना चाहता था और नया घर भी बनाना चाहता था। लेकिन कर्ज चुकाने में नाकामी और आर्थिक परेशानियों के चलते गोविंदराज मानसिक तनाव में था। पुलिस का मानना है कि आर्थिक संकट के कारण वह इस हद तक पहुंच गया और इस खौ़फनाक कदम को उठाया। नमक्कल जिले की पुलिस अधीक्षक, एस. विमला ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि कर्ज के बोझ और आर्थिक समस्याओं के कारण उसने यह घातक कदम उठाया।”
पुलिस जांच जारी
इस मामले की जांच जारी है और पुलिस घटनास्थल से सबूत इकट्ठा कर रही है। हत्या के बाद, गोविंदराज द्वारा उपयोग किए गए चाकू को बरामद किया गया है। पुलिस पड़ोसियों से भी पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि घटना के वक्त और क्या-क्या हुआ था। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं गोविंदराज की मानसिक स्थिति पर और कोई बाहरी प्रभाव तो नहीं था, जिसने उसे इस तरह के खतरनाक कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
गांव में शोक का माहौल
इस जघन्य घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है। गोविंदराज और भारती की तीन बेटियों की हत्या ने गांववासियों को झकझोर दिया है। एक ऐसी घटना जो कभी किसी के भी दिमाग में नहीं आ सकती, अब गांव के हर व्यक्ति के दिल में गहरी पीड़ा छोड़ गई है। भारती, जो एक मां के रूप में इस भयानक घटना का शिकार हुई हैं, को इस समय बहुत बड़ी मानसिक पीड़ा सहनी पड़ रही है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन उनकी मदद के लिए आगे बढ़ चुके हैं, और वे परिवार के साथ खड़े हैं।
तमिलनाडु के नमक्कल में हुई यह त्रासदी न केवल एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव और समाज के लिए एक काला दिन साबित हुई है। यह घटना इस बात की गवाही देती है कि वित्तीय दबाव और मानसिक तनाव किस हद तक किसी इंसान को गलत कदम उठाने पर मजबूर कर सकते हैं। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि हमें समाज में आर्थिक संकट और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। पुलिस ने अभी तक इस मामले की पूरी जानकारी हासिल नहीं की है, लेकिन उनके प्रयास जारी हैं ताकि इस घटना के पीछे के सभी पहलुओं को स्पष्ट किया जा सके।
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