नई दिल्ली। भारत का बिन लादेन कहलाने वाला इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी पुलिस के हथ्थे चढ़ गया है। भारत की जांच एजेंसी उससे पूछताछ में जुटी है।
कहतें हैं कि आतंक की दुनिया में उसने पहली बार उस वक्त कदम रखा जब उसने 2001 में अपनी इंजनीयरिंग के अच्छी खासी नौकरी छोड़ी। कुरैशी सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर अच्छे वेतन के साथ काम कर रहा था। लेकिन, अचानक एक दिन उसने कंपनी को रिजाइन लेटर भेज दिया।
इसके बाद 21 अगस्त 2001 को उसे आतंकी संगठन सिमी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल देखा गया। एक वीडियो रिकॉर्डिंग में उसे सफदर नागौरी के साथ बैठा हुआ देखा गया था।
बतातें चलें कि कुरैशी उर्फ तौकीर 2008 में गुजरात में हुए सीरियल बम विस्फोट और दिल्ली धमाकों का संदिग्ध है। उसे पुलिस ने सोमवार को गुप्त सूचना के आधार पर दोनों तरफ से हुई गोलीबारी के बाद गिरफ्तार किया है। वह केन्द्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मोस्ट वांटेड की लिस्ट में भी शामिल था। बताया जा रहा है कि वह बम बनाने का एक्सपर्ट है।
माना जा रहा है कि कुरैशी सादिक इसरार के बहकावे में आ गया। इसरार मुंबई के चीताह कैम्प का रहनेवाला इंडियन मुजाहिदीन का सह-संस्थापक है, जिसे सलीम मुजाहिद इलाही के साथ हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था। पहली बार 45 वर्षीय कुरैशी का नाम उस वक्त मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में आया जब इंडियन मुजाहिदीन ने ईमेल भेजकर उत्तर प्रदेश, जयपुर, अहमदाबाद और दिल्ली में 2007 और 2008 के दौरान हुए धमाकों की जिम्मेदारी ली थी।
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