नई दिल्ली। दिल्ली के बहुचर्चित बलात्कार कांड के चारो आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए बलात्कार के आरोपित अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इस बर्बरता के लिए माफी की कोई जगह नही है।
मामला दिसम्बर 2012 का है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा उनका अपराध समाज के मानस को झकझोड़ देने वाला था, जिसके लिए सिर्फ एक ही सजा है और वह है मृत्युदंड। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने खचाखच भरे कोर्ट में जब आरोपियों को मौत की सजा सुनाई तो उस समय दर्शकदीर्घा से तालियां बजने लगी। कोर्ट ने कहा, जो क्रूरता दोषियों ने पीड़िता के साथ की वह कभी सुनी नहीं गई। दोषियों ने पीड़िता के साथ ओरल, एननेचुरल सेक्स करने बाद उसकी आँखें बाहर निकाल दी, ये क्रूरता की इंतेहा थी। लिहाजा, इस अपराध के लिए मृत्युदंड दी जाती है।
This post was published on मई 5, 2017 16:38
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