उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का कुख्यात डॉन प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या को लेकर हाय-तौवा मच हुआ है। विपक्ष विधबा बिलाप कर रहा है और सरकार ने जांच के आदेश दे दिएं हैं। बहरहाल, जेल में माफिया डॉन की हत्या से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
झांसी से लाया गया था बागपत जेल
इस घटना के बाद यूपी में जेलो की सुरक्षा व्यवस्था सवालो के घेरे में है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बागपत जिला जेल के जेलर, डिप्टी जेलर सहित चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। बतातें चलें कि मुन्ना बजरंगी को रविवार को ही झांसी जेल से बागपत लाया गया था और यहां पहुंचते ही जेल के भीतर ही उसकी हत्या हो गई। ताज्जुब की बात तो ये कि डॉन के शरीर में एक या दो नहीं बल्कि, दस बुलेट मारे गये हैं और हद देखिए कि जेल के भीतर किसी को भी गोली चलने की आवाज सुनाई नहीं पड़ी।
बसपा से जुड़े हत्या के तार
बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी। लिहाजा, उसे बागपत जेल के तन्हाई बैरक में रखा गया था। यहां पहले से ही कुख्यात सुनील राठी ओर विक्की सुंहेड़ा शायद उसका इंतजार कर रहा था। शुरुआती जांच से पता चला है कि कुख्यात अपराधी सुनील राठी ने ही मुन्ना बजरंगी पर गोली चलाई है। सुनील राठी यूपी के साथ उत्तराखंड में सक्रिय है। सुनील की मां राजबाला छपरौली से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है। लिहाजा, इस हत्या का कारण कहीं राजनीतिक एंगिल तो नहीं है? फिलहाल, यूपी पुलिस सभी एंगिल से मामले की तफतीश में जुट गई है।
पत्नी ने जताई थी हत्या की आशंका
गौरतलब बात ये है कि मात्र दस रोज पहले ही मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जेल के भीतर ही अपने पति की हत्या कर देने की आशंका जाहिर कर चुकी है। मुन्ना की पत्नी ने मीडिया के माध्यम से यूपी के सीएम से अपने पति की सरक्षा करने की गुहार लगा चुकी है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या यह हत्या राजनीतिक है और इससे भी बड़ा सवाल कि क्या इसकी भनक परिवारवालों को पहले से थी? सवाल यह भी कि सुरक्षा को भेद कर जेल के भीतर हथियार कैसे पहुंच गया? यहां आपको बतातें चलें कि पिछले दिनों लखनऊ में हुए एक गैंगवार में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद अपने साले की तेरहवीं में हिस्सा लेने के लिए पिछले दिनो ही पुलिस अभिरक्षा के बीच मुन्ना बजरंगी विकासनगर कॉलोनी आया था।
हिस्ट्री शीटर था मुन्ना बजरंगी
दरअसल, मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है और उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था। उसके पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोए थे। मगर प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया। उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी। किशोर अवस्था तक आते आते उसे कई ऐसे शौक लग गए जो उसे जुर्म की दुनिया में ले जाने के लिए काफी थे। फिलवक्त, मुन्ना बजरंगी पर संगीन अपराध के 40 से अधिक एफआईआर दर्ज और उसका साम्राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड समेत कई अन्य प्रदेशो तक फैला हुआ था। यूपी के एक भाजपा विधायक की हत्या के बाद से ही मुन्ना बजरंगी स्थानीय पुलिस के साथ- साथ राष्ट्रीय सुरक्षा जांच एजेंसी के तारगेट पर आ गया था। स्मरण रहें कि मुन्ना बजरंगी ने भाजपा विधायक पर अत्याधुनिक एके-47 से 100 राउंड से अधिक गोली बरसाई थी।
This post was published on जुलाई 10, 2018 12:54
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