बिहार का मुजफ्फरपुर जिला इन दिनो अपराधियों की तांडव से कराह रहा है। आए रोज हो रही हत्या और गैंगवार को रेाकने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। स्थिति यह है कि अपराधी पुलिस पर भारी पड़ने लगें हैं।
बीते 24 घंटे में कांटी और अहियापुर में दो गैंगवार हुए। मीनापुर में दवा कारोबारी को सरेआम गला रेत दिया गया। बाजार समिति के फल व्यवसायी की हत्या हुई। इसके अलावा लूट व छिनतई की कई छोटी-बड़ी घटनाएं भी हुईं। बावजूद इसके पुलिस की कार्रवाई सिफर ही रहा। एफआईआर और वाहन चेकिंग अभीयान से अधिक पुलिस को अभी तक कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है।
देर शाम मीनापुर थाना के मदारीपुर कर्ण गांव में दवा कारोबारी अनिल कुमार यादव उर्फ मुन्ना का अपराधियों ने चाकू से गला रेत दिया। जख्मी कारोबारी को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। थानाध्यक्ष दिनेश कुमार ने बताया कि इस घटना में पुलिस ने दो लोगों की पहचान कर ली है। इसमें एक मदारीपुर कर्ण गांव का रहने वाला है। जबकि, दूसरा हथौड़ी थाना के चक्की गांव का रहने वाला है। पुलिस छापामारी कर रही है। घटना के कारणों का अभी पता नहीं चला है।
शहर से सटे अहियापुर थाने के एसकेएमसीएच परिसर स्थित वन विभाग के मैदान में सोमवार को सहबाजपुर के रौशन कुमार की गैंगवार में हत्या कर लाश फेंक दी गई थी। उसकी चाकू से गोद कर हत्या करने के बाद शव को पत्थर से कूच दिया है। बताया जा रहा है कि वह पुलिस का मुखबिर था। हत्या के कारणों के पीछे शराब तस्करी की सूचना देना बताई जा रही है।
इससे पहले अहियापुर बाजार समिति में फल व्यवसायी की हत्या कर दी गई। प्रथम दृष्टया गोली मारकर हत्या करने की बात सामने आयी। हालांकि, पुलिस का कहना है कि जख्म गोली के नहीं हैं। परिजनों ने हत्या के आरोप में अहियापुर थाने में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर कराई है।
इससे पहले कांटी में एटीएम फ्रॉड गिरोह के दो शातिरों के बीच राशि के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया और दोनो ने एक दूसरे पर जानलेवा हमला कर दिया। इसमें दोनों की मौत हो गई। वैसे दोनों की हत्या किसी और ने की या फिर दोनों ने खुद एक-दूसरे को गोली मार दी, इसका खुलासा नहीं हो सका है। मौके से खोखा मिला, लेकिन हथियार नहीं मिल सका है।
जिले में आये दिन हत्या, लूट और छिनतई की घटनाओं से आमजन दहशत में है। खासकर अहियापुर, मीनापुर, कांटी, मोतीपुर, गायघाट, कुढ़नी, हथौड़ी, सदर आदि इलाके में अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम देते हैं। वहीं पुलिस तमाशबीन बनी है। इसे लेकर जनप्रतिनिधियों में भी उबाल है। हालांकि, पुलिस कप्तान खुद अपराध पर नकेल कसने को लेकर लगातार कोशिश कर रहे हैं।
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