KKN गुरुग्राम डेस्क | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई और 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा रायपुर-बलौदाबाजार रोड के पास सारागांव क्षेत्र में हुआ, जहां एक यात्रियों से भरे ट्रक की टक्कर एक ट्रेलर से हो गई।
यह हादसा इतना भयावह था कि मौके पर ही 13 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। घायलों को तत्काल रायपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
हादसा कब और कहां हुआ?
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तारीख: रविवार, 11 मई 2025
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समय: रात लगभग 11:30 बजे
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स्थान: सारागांव, रायपुर-बलौदाबाजार रोड
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वाहन: एक यात्री ट्रक और एक भारी ट्रेलर
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मृतक: 13
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घायल: 12
रायपुर के पुलिस अधीक्षक लाल उम्मेद सिंह के अनुसार, यह दुर्घटना तुलसी समारोह (छठी) से लौट रहे लोगों के साथ हुई।
कौन थे पीड़ित?
हादसे में जान गंवाने वाले लोग चटौद गांव के निवासी थे और बनारसी गांव में एक छठी कार्यक्रम में शामिल होकर लौट रहे थे। ट्रक में कुल 25 से अधिक लोग सवार थे। सभी लोग खुश होकर वापस लौट रहे थे, तभी यह भीषण दुर्घटना हो गई।
पुलिस अधीक्षक ने बताया:
“मृतकों में ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और घायलों का इलाज रायपुर के सरकारी अस्पतालों में किया जा रहा है।”
राहत और बचाव कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, एंबुलेंस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। वहां मौजूद स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को ट्रक से बाहर निकाला गया और एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया।
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डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल और रायपुर जिला अस्पताल में घायलों को भर्ती किया गया
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कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है
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ट्रेलर के ड्राइवर की तलाश की जा रही है, जो हादसे के बाद फरार हो गया
हादसे की वजह क्या थी?
हालांकि, आधिकारिक रिपोर्ट आना बाकी है, लेकिन प्रारंभिक जांच में तेज़ रफ्तार, ओवरलोडिंग और रात के समय खराब दृश्यता को कारण माना जा रहा है। जिस रास्ते पर यह हादसा हुआ, वह अंधेरा और खराब सड़क व्यवस्था के लिए पहले से ही बदनाम है।
संभावित कारण:
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ओवरलोडेड ट्रक में क्षमता से अधिक लोग
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ट्रेलर की तेज गति और नियंत्रण खोना
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पर्याप्त लाइटिंग न होना
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ट्रैफिक नियमों की अनदेखी
प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या देखा?
स्थानीय निवासी रमेश पटेल ने बताया:
“एक ज़ोरदार टक्कर की आवाज़ आई, जब हम दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे तो लोग सड़क पर पड़े थे। बच्चों की चीखें गूंज रही थीं। हमने जितना हो सका, लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की।”
एक अन्य स्थानीय दुकानदार ने बताया कि इस सड़क पर पहले भी कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
छठी कार्यक्रम से लौटते समय मौत की चपेट में
यह हादसा और भी अधिक दुखद है क्योंकि पीड़ित लोग एक खुशियों से भरे धार्मिक आयोजन से लौट रहे थे। छठी कार्यक्रम भारतीय संस्कृति में नवजात शिशु के जन्म के बाद होने वाला एक महत्वपूर्ण आयोजन है। लेकिन यह उत्सव अब त्रासदी में बदल गया, जिससे पूरा गांव चटौद और बनारसी शोक में डूब गया है।
सरकारी प्रतिक्रिया और मुआवज़ा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया:
“सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख और घायलों को ₹1 लाख की सहायता राशि दी जाएगी। साथ ही इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।”
मुख्यमंत्री आज रायपुर का दौरा कर सकते हैं और पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात करेंगे।
छत्तीसगढ़ में सड़क सुरक्षा की स्थिति
यह हादसा एक बार फिर छत्तीसगढ़ में बिगड़ती सड़क सुरक्षा पर सवाल उठाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार:
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2024 में राज्य में 4,200 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुईं
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ट्रक-ट्रेलर टक्कर से होने वाली मौतों में 11% वृद्धि
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रायपुर और दुर्ग ज़िलों में सबसे अधिक हादसे
विशेषज्ञों का सुझाव:
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स्पीड कैमरे और ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम लगाना
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चालकों की ट्रेनिंग और स्वास्थ्य जांच अनिवार्य करना
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रात के समय बड़े वाहनों पर प्रतिबंध
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एक्सीडेंट स्पॉट्स पर ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्था
सोशल मीडिया पर जन आक्रोश
हादसे के बाद ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर लोग शोक प्रकट कर रहे हैं और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ट्रेंड हो रहे प्रमुख हैशटैग:
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#RaipurAccident
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#ChhattisgarhSadakSuraksha
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#TruckTrailerCollision
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#SaragaonHorror
लोगों ने रात में भारी वाहनों के संचालन पर रोक लगाने की मांग की है।
रायपुर का यह सड़क हादसा सिर्फ एक खबर नहीं है, यह एक गंभीर चेतावनी है कि अगर सड़क सुरक्षा, चालक प्रशिक्षण और रात में भारी वाहनों की निगरानी को प्राथमिकता नहीं दी गई, तो ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहेंगी।
सरकार, प्रशासन और समाज को मिलकर इस दिशा में कार्य करना होगा ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह की त्रासदी से न गुज़रे।
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