पटना के सरैया गांव में उस समय कोहराम मच गया जब एक कार अनियंत्रित होकर नहर में गिर गई, जिसमें सवार पाँच लोगों में से तीन की इलाज के दौरान मौत हो गई। दो अन्य घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस दुखद दुर्घटना ने बिहार में सड़क सुरक्षा और ड्राइवर थकान का मुद्दा फिर से ताजा कर दिया है।
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कार हादसा कैसे हुआ: ड्राइवर की थकान से बिगड़ा हालात
घटना शनिवार सुबह पटना के सरैया गांव के पास, जो रानी तालाब थाना क्षेत्र में आता है, हुई। कार में सवार सभी पांच सदस्य छत्तीसगढ़ से वैशाली जिले के हाजीपुर जा रहे थे, एक वर्षगांठ समारोह में शामिल होने हेतु। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, ड्राइवर को नींद आ गई और वाहन नियंत्रण खो बैठा, जिससे यह कार सड़क से फिसल कर नहर में जा गिरी।
स्थानीय लोगों व जेसीबी की सहायता से रेस्क्यू कर सभी पाँचों को बाहर निकाला गया और तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तीन सवार—निर्मला देवी (52 वर्ष), नीतू सिंह (36 वर्ष), और अस्तितु कुमारी (10 वर्ष)—इलाज के दौरान दम तोड़ बैठे। दो अन्य—नंदन सिंह और रिद्धि सिंह—गंभीर हालत में इलाजाधीन हैं।
मृतक व घायल – यह लोग थे सर्वाइव
🔹 मृतक परिचय
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निर्मला देवी (52 वर्ष)
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नीतू सिंह (36 वर्ष)
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अस्तितु कुमारी (10 वर्ष)
ये सभी एक ही परिवार के सदस्य थे और छत्तीसगढ़ से शादी की सालगिराह मनाने हाजीपुर जा रहे थे।
घायल व उनकी स्थिति
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नंदन सिंह
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रिद्धि सिंह
दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है; डॉक्टरों ने उन्हें स्थिर स्थिति बताया है, लेकिन पूर्ण निगरानी जारी है।
पुलिस ने अपनाया त्वरित रेस्पॉन्स
रानी तालाब थाना से सूचना मिलते ही पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। उन्होंने वाहन को जेसीबी की सहायता से बाहर निकलवाया, दुर्घटनाग्रस्त वाहन से शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और बाकी बचे घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने पुष्टि की कि वाहन चलाते समय ड्राइवर थका हुआ था, जिससे यह अनियंत्रण की स्थिति बनी।
ड्राइवर थकान: सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण
प्रारंभिक जांच के अनुसार यह हादसा संभवतः ड्राइवर की नींद और थकान के कारण हुआ। ठहरी रात की थकान, अनजान रास्ता और सुबह के सन्नाटे में वाहन को नियंत्रित रखना मुश्किल हो गया। इस दुर्घटना ने सड़क सुरक्षा और ड्राइवर थकान को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि:
“लंबी दूरी की यात्रा में ड्राइवर को नियमित रूप से विराम लेना चाहिए, खासकर ज़रूरी रात की नींद पूरी करना बेहद महत्वपूर्ण है।”
हादसे का दृश्य: जेसीबी, पुलिस और ग्रामीणों की तत्परता
दुर्घटना स्थल पर स्थानीय ग्रामीण, पुलिस, और आकस्मिक सेवाएं तैनात थीं। जेसीबी की मदद से वाहन पानी से बाहर निकाला गया। तस्वीरों में देखा गया कि पूरा समुदाय घटनास्थल पर जुटा रहा।
आगे की कानूनी प्रक्रिया
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट से शवों के मौत के कारण की पुष्टि होगी।
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FIR दर्ज किया गया – धारा negligent driving, causing death इत्यादि तहत।
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वाहन चालक और मालिक से पूछताछ की जाएगी—वहां ड्राइवर की नींद की संभावना, वाहन की हालत, स्पीड आदि पर जांच होगी।
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CCTV फुटेज, गवाह बयान व सड़क के सेफ़्टी सिस्टम की जांच भी शुरू होगी।
सड़क सुरक्षा के लिए सुझाव
इस हादसे से यह साफ सामने आता है कि बिहार की सड़कों पर कई स्थानों पर गार्ड्रेइल, रोशनी, सुरक्षा संकेत तथा ड्राइवर जागरूकता कार्यक्रम की कमी है। अधिकारीयों को यह सुझाव दिया गया है कि:
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नहर किनारे गार्डरेलों की स्थापना
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सड़क पर सकारात्मक संकेत व चेतावनी लगवाना
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लम्बी दूरी के ड्राइवरों हेतु ब्रेक जोन और रेस्ट हाउस की व्यवस्था
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सरकारी व निजी वाहक कंपनियों को ड्राइवर के सेहत व जांच की नियमित व्यवस्था
स्थानीय प्रशासन और समयबद्ध कार्रवाई
स्थानीय प्रशासक ने घटना की निंदा करते हुए कहा:
“संवेदनशीलता से जांच की जाएगी; जांच के बाद यदि जरूरत पड़ी तो सड़क व वाहन सुरक्षा सख्त रूप से लागू की जाएगी।”
पुलिस भी ड्राइवर की थकान, गति तथा वाहन में किसी प्रकार की तकनीकी खराबी पर जांच कर रही है।
सरैया गांव के इस हादसे ने एक ही परिवार के लिए सुखद याद को दुःख में बदल दिया। तीन जीवन छिन गए, दो घायल हुए। घटना ड्राइवर थकान पर एक चेतावनी है। सड़क सुरक्षा व ड्राइवर सतर्कता पर ध्यान देने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
KKNLive.com पर हम इस जाँच की पूर्ण जानकारी, जमानत प्रक्रिया, ड्राइवर के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की अपडेट देंगे। जुड़े रहिए, ताकि मिलती रहे भारत में सड़क हादसों की नयी और सटीक जानकारी।
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