Bihar

नौ साल की बच्ची के पेट से निकला बालों का गुच्छा, एसकेएमसीएच में दुर्लभ ऑपरेशन

KKN गुरुग्राम डेस्क |  श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SKMCH) में डॉक्टरों ने नौ साल की बच्ची के पेट से बालों का एक बड़ा गुच्छा निकालकर एक दुर्लभ सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह बच्ची साहेबगंज की रहने वाली है और शनिवार को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराई गई थी। बच्ची का हीमोग्लोबिन काफी कम था, वह पिछले दो हफ्तों से भोजन नहीं कर रही थी और गंभीर पेट दर्द से परेशान थी।

अस्पताल में किए गए एक्स-रे और सीटी स्कैन में पता चला कि बच्ची के पेट में बालों का बड़ा गुच्छा जमा हो गया है। डॉक्टरों ने पहले उसे रक्त चढ़ाकर उसकी स्थिति को स्थिर किया, ताकि वह सर्जरी के लिए तैयार हो सके।

क्या है इस दुर्लभ बीमारी की वजह?

एसकेएमसीएच के बाल शल्य चिकित्सा विभाग के प्रमुख, डॉ. अशुतोष कुमार, जिन्होंने अपनी टीम के साथ इस सर्जरी को अंजाम दिया, ने बताया कि बच्ची एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित है, जिसे ट्राइकोफेजिया (Trichophagia) कहा जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति अपने ही बाल खाने लगता है।

डॉ. कुमार ने बताया कि यह बच्ची लगभग दो साल की उम्र से अपने बाल खा रही थी और यह आदत उसे पिछले सात वर्षों से है। “बाल पचते नहीं हैं और पेट में जमा हो जाते हैं, जिससे वे एक गुच्छे का रूप ले लेते हैं।” मंगलवार को किए गए ऑपरेशन के दौरान, बच्ची के पेट से गुर्दे के आकार के बराबर बालों का गुच्छा निकाला गया।

सर्जरी के बाद का उपचार और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल

डॉ. कुमार ने कहा कि यह समस्या केवल शारीरिक नहीं है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है। “हम बच्ची को मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श दिलवाएंगे, ताकि उसकी काउंसलिंग की जा सके और यह आदत छोड़ी जा सके।”

डॉक्टरों ने बच्ची की स्थिति को स्थिर बताया है, लेकिन उसे कुछ समय तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा। डॉक्टरों का कहना है कि ट्राइकोफेजिया जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं अगर समय पर पहचानी न जाएं, तो यह गंभीर शारीरिक समस्याओं को जन्म दे सकती हैं।

क्या है ट्राइकोफेजिया?

ट्राइकोफेजिया (Trichophagia) एक दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति अपने ही बाल खाने की आदत विकसित कर लेता है। यह समस्या अक्सर ट्राइकोटिलोमेनिया (Trichotillomania) से जुड़ी होती है, जिसमें व्यक्ति बार-बार अपने बाल तोड़ने या खींचने की प्रवृत्ति रखता है।

ट्राइकोफेजिया के कारण पेट में बाल जमा होने लगते हैं, जो पाचन तंत्र को बाधित करते हैं और पेट दर्द, भूख में कमी, और पोषण की कमी जैसी समस्याओं का कारण बनते हैं। अगर समय पर इस स्थिति का इलाज न किया जाए, तो यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।

सर्जरी की प्रक्रिया

सर्जरी का नेतृत्व करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि यह ऑपरेशन काफी चुनौतीपूर्ण था। ऑपरेशन से पहले बच्ची का स्वास्थ्य स्थिर करना सबसे जरूरी था, क्योंकि उसका हीमोग्लोबिन काफी कम हो गया था। रक्त चढ़ाने के बाद, बच्ची को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पेट से बालों का बड़ा गुच्छा सफलतापूर्वक निकाल दिया।

डॉक्टरों ने यह भी बताया कि ऑपरेशन के दौरान कोई बड़ी जटिलता नहीं आई और बच्ची अब तेजी से स्वस्थ हो रही है।

अभिभावकों के लिए सतर्कता जरूरी

डॉ. कुमार और उनकी टीम ने इस घटना के बाद अभिभावकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि बच्चों की आदतों और व्यवहार पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, क्योंकि कई बार ऐसी आदतें, जो सामान्य लगती हैं, गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं।

“अगर बच्चा बार-बार बाल खींचता है, तोड़ता है, या खाता है, तो यह संकेत हो सकता है कि उसे मानसिक स्वास्थ्य सहायता की आवश्यकता है। समय पर ध्यान देने से ऐसी समस्याओं को बढ़ने से रोका जा सकता है।”

ट्राइकोफेजिया के संकेत और इलाज

संकेत:

  1. लगातार बाल तोड़ने या खाने की आदत।
  2. पेट दर्द और पाचन संबंधी समस्याएं।
  3. वजन में कमी और भूख में कमी।
  4. कमजोर स्वास्थ्य, जैसे कि कम हीमोग्लोबिन स्तर।

इलाज:

  1. मानसिक स्वास्थ्य परामर्श: विशेषज्ञों की मदद से बच्ची की आदतों को बदला जा सकता है।
  2. सर्जिकल हस्तक्षेप: अगर बाल पेट में जमा हो गए हों, तो ऑपरेशन जरूरी हो सकता है।
  3. व्यवहार चिकित्सा (Behavioral Therapy): आदतों को बदलने के लिए प्रभावी तकनीक।

यह मामला न केवल चिकित्सा क्षेत्र में एक दुर्लभ घटना को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से लेना कितना जरूरी है। साहेबगंज की इस बच्ची का सफल इलाज श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SKMCH) के डॉक्टरों की टीम की काबिलियत को दर्शाता है।

यह घटना अभिभावकों के लिए एक चेतावनी भी है कि वे अपने बच्चों की आदतों और व्यवहार पर ध्यान दें। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज करने के बजाय, समय पर सही परामर्श और उपचार से ऐसी गंभीर परिस्थितियों से बचा जा सकता है।

बच्ची अब डॉक्टरों की निगरानी में है और उसके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए काउंसलिंग की योजना बनाई जा रही है। ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है, और दोनों का ध्यान रखना समान रूप से महत्वपूर्ण है।

This post was published on जनवरी 24, 2025 11:57

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Disclaimer: This content has been generated with the assistance of repetitive algorithms and may contain punctuation errors.

Show comments
Published by
KKN Gurugram Desk

Recent Posts

  • Health

सर्दियों में ऊर्जा बढ़ाने और शरीर को गर्म रखने के लिए योग: अपनाएं ये 7 आसन

KKN गुरुग्राम डेस्क |  सर्दियों का मौसम अक्सर सुस्ती और आलस्य से भरा हुआ होता… Read More

जनवरी 24, 2025
  • Sports

रणजी ट्रॉफी में रोहित शर्मा, शुभमन गिल और अन्य स्टार खिलाड़ियों का खराब प्रदर्शन

KKN गुरुग्राम डेस्क |  रणजी ट्रॉफी में भारतीय टेस्ट टीम के प्रमुख बल्लेबाजों की वापसी… Read More

जनवरी 24, 2025
  • Politics

सादगी, संघर्ष और सेवा का एक अद्वितीय मिशाल: कर्पूरी ठाकुर

KKN न्यूज ब्यूरो। कर्पूरी ठाकुर भारतीय राजनीति के एक ऐसे महानायक थे, जिन्होंने समाज के… Read More

जनवरी 24, 2025
  • World

फेडरल जज ने ट्रंप के जन्मसिद्ध नागरिकता खत्म करने वाले आदेश पर लगाई रोक

KKN गुरुग्राम डेस्क | सीएटल के एक फेडरल जज ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस… Read More

जनवरी 24, 2025
  • Entertainment

सैफ अली खान पर हमला: अभिनेता ने दर्ज कराया बयान, परिवार की सुरक्षा के लिए किया संघर्ष

KKN गुरुग्राम डेस्क |  बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर उनके बांद्रा स्थित घर में हुए… Read More

जनवरी 24, 2025
  • Politics

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अरविंद केजरीवाल पर साधा निशाना, यमुना सफाई और खराब बुनियादी ढांचे को लेकर किया हमला

KKN  गुरुग्राम डेस्क | उत्तर प्रदेश   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को दिल्ली में एक जनसभा… Read More

जनवरी 24, 2025