बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियों के बीच जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर सीधा हमला बोलते हुए उन्हें खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मुंबई में बिहारियों के साथ हो रही मारपीट पर चुप क्यों हैं, जबकि वह शिवसेना के साथ गठबंधन में हैं। पीके ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को बिहार के किसी भी गांव में एक रात बिताने का चैलेंज देते हैं, ताकि वह राज्य की असली स्थिति को समझ सकें।
गोपाल खेमका मर्डर कांड और बिहार की राजनीति में हलचल
बिहार की राजनीति में गोपाल खेमका मर्डर कांड ने सियासी हलचल मचा दी है। इस घटना ने राज्य में कानून-व्यवस्था के मसले को एक बार फिर से सजा दिया है। राहुल गांधी से लेकर प्रमोद तिवारी जैसे बड़े नेताओं ने बिहार में बढ़ती अपराध की घटनाओं पर सवाल उठाए हैं। इसी बीच, प्रशांत किशोर ने बिहार में अपने जन सुराज पार्टी को एक मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित करने के लिए सख्त रुख अपनाया है।
राहुल गांधी पर प्रशांत किशोर का हमला
प्रशांत किशोर ने हाल ही में राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस की सियासी हैसियत बिहार में अब खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पिछले 25-30 वर्षों से केवल लालू यादव की बैग ढोने वाली पार्टी बनकर रह गई है। पीके ने कहा कि अगर राहुल गांधी में हिम्मत है, तो वह लालू यादव से समान सीटें मांगें या अकेले चुनाव लड़ें। इसके साथ ही पीके ने कांग्रेस को यह चुनौती दी कि वह बिहार में लालू यादव की पार्टी से बगैर उनके सहयोग के चुनाव लड़ने की तैयारी करें।
प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को सलाह दी कि वह बिहार के किसी भी गांव में एक रात बिताकर देखें और फिर बताए कि बिहारियों के मुद्दों को वह कितनी गंभीरता से समझते हैं। इस बयान से साफ हो गया कि पीके का निशाना केवल राहुल गांधी पर था, बल्कि उन्होंने कांग्रेस की बिहार में कमजोर स्थिति और उसके राजनीतिक अस्तित्व को भी कठघरे में खड़ा किया।
बिहारियों के प्रति राहुल गांधी के बयान पर माफी की मांग
पीके ने राहुल गांधी से माफी की भी मांग की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बिहारियों के साथ ऐतिहासिक अन्याय किया है और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें बिहारियों को “मजदूरी के लिए पैदा हुआ” बताया गया था। पीके ने कहा कि राहुल गांधी को इस बयान के लिए बिहारियों से माफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस और जन सुराज के बीच गठबंधन की अटकलें
सियासी हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या कांग्रेस और जन सुराज पार्टी के बीच कोई बड़ा गठबंधन हो सकता था, जो अब खारिज हो गया है। कुछ सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस, जो बिहार में कमजोर स्थिति में है, जन सुराज के साथ समझौता करने की संभावना तलाश रही थी, लेकिन पीके के तीखे हमले ने इस संभावना को खत्म कर दिया।
पीके ने 15 जून 2025 को लालू यादव के जन्मदिन समारोह में अंबेडकर की तस्वीर को उनके पैरों के पास रखने के मुद्दे पर राहुल गांधी को चुनौती दी थी। पीके ने कहा, “राहुल गांधी अगर एक बयान देकर लालू यादव की आलोचना करें, तभी मैं मानूंगा कि कांग्रेस राजद की गुलाम नहीं है।” इसके बावजूद, कांग्रेस और जन सुराज के बीच किसी प्रकार के गठबंधन की संभावना अब कमजोर नजर आ रही है।
जन सुराज पार्टी का बिहार में भविष्य
प्रशांत किशोर की यह आक्रामक रणनीति उनके जन सुराज पार्टी को बिहार में एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश करने का हिस्सा मानी जा रही है। जन सुराज पार्टी, जिसे अक्टूबर 2024 में लॉन्च किया गया था, 2025 विधानसभा चुनाव के लिए 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पीके ने NDA (BJP-JDU) और INDIA (RJD-Congress) दोनों को निशाने पर लिया है, यह दावा करते हुए कि बिहार की जनता पुराने दलों से तंग आ चुकी है और उसे एक नए विकल्प की तलाश है।
PK का उद्देश्य: युवाओं और OBC वोटरों की ओर आकर्षण
प्रशांत किशोर का यह हमला राहुल गांधी और कांग्रेस पर युवाओं और OBC (Other Backward Classes) वोटरों के बीच अपनी लोकप्रियता बढ़ाने का एक तरीका भी हो सकता है। बिहार की राजनीति में युवाओं और OBC समुदाय की संख्या बहुत बड़ी है, और PK के इस बयानबाजी का मकसद इन्हें अपने पक्ष में लाना हो सकता है। यह एक राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिससे जन सुराज पार्टी को बिहार के अन्य प्रमुख दलों के खिलाफ मजबूत किया जा सके।
बिहार में बदलाव की आवश्यकता
बिहार की सियासत में अब बदलाव की जरूरत महसूस हो रही है, और ऐसे में प्रशांत किशोर की भूमिका महत्वपूर्ण बनती है। उनकी रणनीति का उद्देश्य सिर्फ आलोचना करना नहीं, बल्कि एक ऐसा वैकल्पिक मॉडल पेश करना है जो राज्य की विकासशील राजनीति और समाज के हर वर्ग की सशक्तिकरण पर केंद्रित हो।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी अब बिहार में एक नया राजनीतिक मोर्चा खोलने की तैयारी में है। उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ अपनी कठोर बयानबाजी से राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। इससे यह साफ है कि उनका उद्देश्य जन सुराज को बिहार में एक मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित करना है।
युवाओं और ओबीसी वोटरों की तरफ से समर्थन जुटाकर, पीके अब बिहार में एनडीए और इंडिया गठबंधनों के लिए एक चुनौती पेश कर रहे हैं। राज्य की राजनीति में यह नया मोड़ आने वाले चुनावों में बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
Discover more from KKN Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.