KKN गुरुग्राम डेस्क | पटना के गांधी घाट पर बुधवार शाम को एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें दो छात्र गंगा में नहाते हुए सेल्फी लेते-लेते डूब गए। इस घटना ने एक बार फिर गंगा की लहरों की लापरवाही से भरी ताकत को सामने ला दिया। एक छात्र को पर्यटन विभाग के जहाज से फेंके गए लाइफ जैकेट से बचा लिया गया, जबकि दूसरे छात्र का शव थोड़ी देर बाद बरामद किया गया। यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि नदियों और जल स्रोतों में लापरवाही से नहाना कितनी बड़ी जोखिम हो सकती है।
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गांधी घाट पर हुई दुर्घटना: लापरवाही और सेल्फी का खतरनाक मिश्रण
घटना शाम छह बजे के करीब की है। दो छात्र जो पीरबहोर थाना क्षेत्र के थे, गांधी घाट पर नहाने पहुंचे थे। वे जेपी गंगा पथ के पिलर नंबर 59 के नीचे नदी में उतरे थे। स्थानीय लोगों के अनुसार, नहाते समय दोनों छात्र लगातार अपने फोन से सेल्फी ले रहे थे। इस दौरान एक छात्र गहरे पानी की ओर बढ़ गया और उसे यह एहसास नहीं हुआ कि पानी का स्तर कितना गहरा हो सकता है।
जल्द ही वह छात्र तेज बहाव में डूबने लगा। जब उसके दोस्त ने उसे डूबते हुए देखा, तो वह उसे बचाने के लिए तुरंत पानी में कूद पड़ा, लेकिन वह भी बहाव में आ गया। दोनों की चीख-पुकार से घाट पर मौजूद लोग घबरा गए और मदद की कोशिश की।
तुरंत राहत कार्य, लेकिन एक की जान नहीं बचाई जा सकी
घाट के पास खड़ा पर्यटन विभाग का एक जहाज उस समय मौके पर था। जैसे ही जहाज के कर्मियों ने दोनों छात्रों को डूबते हुए देखा, उन्होंने तुरंत लाइफ जैकेट को पानी में फेंक दिया। सौभाग्य से, एक छात्र लाइफ जैकेट तक पहुँचने में सफल रहा और उसे खींचकर सुरक्षित निकाला गया, लेकिन दूसरा छात्र तेज धार में बह चुका था।
कुछ ही मिनटों में एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की टीम और स्थानीय गोताखोर भी घटनास्थल पर पहुँच गए। करीब आधे घंटे बाद, दूसरे छात्र का शव पिलर नंबर 59 के पास से थोड़ी दूरी पर बहकर मिला। शव मिलने के बाद घाट पर शोक का माहौल छा गया। बचाए गए छात्र को भी इस हादसे के बाद गहरा सदमा पहुंचा और वह बार-बार रोकर बेहोश हो रहा था।
पुलिस ने शव को कब्जे में लिया, पोस्टमार्टम के लिए भेजा
घटना की सूचना मिलते ही पीरबहोर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया। मृतक छात्र की पहचान की गई और उसके परिवार को सूचित किया गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) भेज दिया गया। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि दोनों छात्र कहां के निवासी थे और क्या वे स्कूल या कॉलेज के छात्र थे।
गंगा घाटों पर लगातार ऐसी घटनाएं, ध्यान देने की आवश्यकता
यह घटना गंगा घाटों पर होने वाली उन खतरनाक घटनाओं की ओर इशारा करती है, जो हर साल बिना किसी रोक-थाम के घटित होती हैं। खासकर उन युवाओं के लिए जो लापरवाही से सेल्फी लेने के जुनून में अपनी जान जोखिम में डालते हैं। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि गंगा की लहरें कितना खतरनाक साबित हो सकती हैं, और सेल्फी जैसे जोखिम भरे कार्यों को करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।
हर साल गंगा घाटों पर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जहां लोग सेल्फी या नहाने के दौरान लापरवाही के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। यह हमारे लिए एक चेतावनी है कि हमें नदियों और जल स्रोतों के पास बेहद सतर्क रहना चाहिए और लापरवाही से बचना चाहिए।
पुलिस का बयान और आम लोगों से अपील
पीरबहोर थाना प्रभारी ने इस दुखद घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह घटना शाम करीब छह बजे की है। पुलिस को छात्र का मोबाइल मिला है, जिससे उसकी पहचान में मदद मिल रही है। पुलिस ने आगे की कार्रवाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद करने की बात कही। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे नदियों में नहाते वक्त सतर्क रहें और जोखिम भरे कार्य जैसे सेल्फी लेने से बचें।
पुलिस ने यह भी बताया कि गंगा में नहाने के दौरान हमेशा पानी की गहराई और बहाव का ध्यान रखना चाहिए। नदियों के आसपास इस तरह की लापरवाही से बचने के लिए सभी को जागरूक किया जाना चाहिए।
सेल्फी के खतरे और सोशल मीडिया का प्रभाव
आजकल सोशल मीडिया और सेल्फी कल्चर ने लोगों को अधिक जोखिम लेने के लिए प्रेरित किया है। विशेष रूप से युवा वर्ग, जो सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश करता है, अक्सर इस तरह के जोखिम भरे कार्यों को करता है। ऐसे में गंगा घाटों जैसी खतरनाक जगहों पर सेल्फी लेना कई बार जानलेवा साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि गंगा जैसी बड़ी और तेज़ धार वाली नदियों में नहाना और सेल्फी लेना बेहद खतरनाक हो सकता है। नदी का बहाव किसी भी समय किसी को भी बहा सकता है, चाहे वह अच्छा तैराक क्यों न हो। इसलिए, किसी भी जल स्रोत में नहाते समय पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए।
सरकार और संबंधित विभागों की जिम्मेदारी
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और पर्यटन विभाग को अधिक जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा। घाटों और नदियों के किनारे सुरक्षा उपायों को लागू करना बेहद जरूरी है।
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सुरक्षा गार्ड की तैनाती:
सुरक्षा गार्ड्स और प्रशिक्षित कर्मचारी घाटों पर तैनात किए जाएं, ताकि किसी भी दुर्घटना के समय तुरंत मदद मिल सके। -
सतर्कता और चेतावनी संकेत:
घाटों और नदी किनारे चेतावनी संकेतों को स्थापित किया जाना चाहिए, जिससे लोगों को नदी की गहराई और बहाव के खतरों से अवगत कराया जा सके। -
जन जागरूकता अभियान:
सरकार और पुलिस विभाग को जन जागरूकता अभियान चलाना चाहिए, खासकर युवाओं के बीच, ताकि वे जान सकें कि नदी में नहाना और सेल्फी लेना कितनी खतरनाक गतिविधियाँ हो सकती हैं।
गांधी घाट पर हुई यह घटना यह साबित करती है कि नदियों और जल स्रोतों के पास लापरवाही से नहाना और सेल्फी लेना कितनी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। इस घटना के माध्यम से यह जरूरी है कि हम जल स्रोतों के पास अधिक सतर्क रहें और किसी भी प्रकार के जोखिम से बचें। सोशल मीडिया के प्रभाव से युवा वर्ग को जागरूक करना, और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करना समय की मांग है। यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि जीवन से बढ़कर कोई चीज़ नहीं है और हमें अपनी सुरक्षा का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
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