बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार की रात एक बार फिर अपराधियों ने कानून व्यवस्था को चुनौती देते हुए एक व्यापारी की बेरहमी से हत्या कर दी। बिक्रम झा, जो रामकृष्णा नगर थाना क्षेत्र के पूर्वी आशोचक मोहल्ले में कृष्णा मिनी मार्ट नाम की दुकान चलाते थे, को दुकान बंद करने के दौरान अज्ञात अपराधियों ने गोली मार दी।
यह घटना न केवल झकझोर देने वाली है, बल्कि यह एक बार फिर दर्शाती है कि पटना में व्यवसायियों और आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर हालात कितने चिंताजनक हो गए हैं।
घटना कैसे घटी?
शुक्रवार की रात करीब 10:30 बजे, जब बिक्रम झा अपनी दुकान बंद कर रहे थे, उसी दौरान दो अज्ञात बाइक सवार बदमाश वहां पहुंचे और बिना कुछ कहे उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक गोली सीधे कनपटी पर लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
अफरातफरी के माहौल में स्थानीय लोग और परिजन उन्हें तुरंत नजदीकी निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अपराधी मौके से फरार, पुलिस हाथ खाली
हत्या को अंजाम देने के बाद अपराधी मौके से फरार हो गए। पुलिस को अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है, और इस घटना ने शहर में अपराधियों के बढ़ते हौसले को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह इलाका आबादी वाला है और उस समय भी सड़क पर हलचल थी, बावजूद इसके अपराधियों को डर नहीं था। यह दर्शाता है कि पटना में अपराधियों को कानून का कोई भय नहीं है।
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
रामकृष्णा नगर थाना पुलिस घटना के कुछ घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की। पुलिस अधिकारियों ने दावा किया है कि वे आरोपियों को जल्द पकड़ने के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर सकते हैं। हालांकि, घटना के समय पुलिस पेट्रोलिंग नहीं होना लोगों की चिंता और आक्रोश का कारण बन गया है।
स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही और सुस्त कार्रवाई ने अपराधियों के मन में डर खत्म कर दिया है।
पटना में व्यापारियों पर बढ़ते हमले
यह कोई पहली घटना नहीं है जब पटना में किसी व्यापारी को निशाना बनाया गया हो। पिछले कुछ महीनों में व्यापारियों पर हमले, लूट, और गोलीबारी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता, वसूली, और संगठित अपराध गिरोह के कारण छोटे व्यवसायी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
इससे पहले बोरिंग रोड इलाके में भी एक कारोबारी पर गोलीबारी की गई थी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हुआ था।
बिक्रम झा कौन थे?
बिक्रम झा, एक मेहनती और शांत स्वभाव के व्यवसायी थे, जो पिछले कई वर्षों से कृष्णा मिनी मार्ट चला रहे थे। उन्हें इलाके में एक ईमानदार और सरल व्यापारी के रूप में जाना जाता था। उनकी दो संतानें हैं और वे अपने परिवार का एकमात्र सहारा थे।
परिजनों के अनुसार, हाल के दिनों में उन्हें किसी तरह की धमकी नहीं मिली थी, लेकिन बाजार में कुछ व्यावसायिक विवादों की चर्चा जरूर थी।
स्थानीय लोगों में गुस्सा, व्यापारियों का प्रदर्शन
हत्या के अगले दिन शनिवार को स्थानीय व्यापारियों और निवासियों ने रामकृष्णा नगर थाने के बाहर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि जब तक अपराधियों को पकड़ा नहीं जाता और पुलिस गश्त नहीं बढ़ाई जाती, तब तक कोई भी व्यापारी सुरक्षित नहीं है।
पटना व्यापार संघ ने भी घटना की कड़ी निंदा करते हुए एक दिन के सांकेतिक बंद का आह्वान किया है और सरकार से व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और सरकार पर दबाव
घटना के बाद विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कुछ नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि “अब पटना में कोई भी सुरक्षित नहीं है”। सोशल मीडिया पर भी लोग सरकार की आलोचना कर रहे हैं और बिक्रम झा को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
बिहार उद्योग वाणिज्य मंडल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार से निम्न मांगें की हैं:
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प्रमुख बाजारों में अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं
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रात्रि गश्ती को सख्त किया जाए
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व्यापारियों के लिए विशेष हेल्पलाइन शुरू की जाए
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बिक्रम झा हत्याकांड के अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए
क्या पटना में कोई सुरक्षित है?
पटना में बढ़ते अपराध अब केवल आंकड़े नहीं हैं, वे आम लोगों की जिंदगी पर सीधा असर डाल रहे हैं। खासकर व्यापारी वर्ग, जो राज्य की आर्थिक रीढ़ है, वह खुद को असुरक्षित और असहाय महसूस कर रहा है।
एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बिहार देश के उन शीर्ष राज्यों में है जहां सबसे ज्यादा संगीन अपराध दर्ज किए जा रहे हैं। और पटना इन अपराधों का केंद्र बनता जा रहा है।
बिक्रम झा की हत्या सिर्फ एक हत्या नहीं है, यह एक संकेत है कि अब सरकार और प्रशासन को जमीनी स्तर पर बदलाव करने होंगे। सिर्फ बयानबाजी या जांच समिति गठित करना काफी नहीं है।
जरूरत है कि पुलिस तंत्र को मजबूत किया जाए, तकनीक का बेहतर उपयोग हो, और अपराधियों को ऐसा कड़ा दंड मिले कि वे दोबारा ऐसी वारदात करने की सोचें भी नहीं।
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