-जल संकट की चपेट में है उत्तर बिहार
-सुख चुके नदियो से जोड़ दिया पाइप लाइन
-मीनापुर मे दम तोड़ रहा उदभव सिचाई योजना
संतोष कुमार गुप्ता
मुजफ्फरपुर। गर्मी की धमक पड़ते ही उत्तर बिहार में जल संकट की दस्तक सुनाई पड़ने लगा है। इस रीजल में लघु जल संसाधन विभाग द्वारा बनाये गये अधिकांश उदभव सिचाई परियोजना अभी से हाफ रहा है। उत्तर बिहार की अघोषित राजधानी कहलाने वाला मुजफ्फरपुर जिला भी इससे अघूता नही रहा। एक दश पहले तक बाढ़ की विभिषिका झेल रहे मीनापुर प्रखंड व इसके आसपास के इलाके भी अब जल संकट की चपेट में है।
नदी, तालाब, पोखर व ताल तलैयो में चुल्लू भर पानी नही है। बंद पड़े सिंचाई पम्प किसानो का मुंह चिढा रहा है। मुकसुदपुर पंचायत इसका जीता जागता उदाहरण है। यहां उदभव सिचाई योजना से बने तीनो पम्प बंद है। दो साल पहले इसका निर्माण कराया गया था। मुकसुदपुर में दो और शाहपुर में एक उदभव निर्माण के वावजूद किसानो के खेतो को पानी नही मिल रहा है। कहतें हैं कि पम्प चालू हालात में है। यहां बिजली व ट्रांसफार्मर भी लगा हुआ है। बावजूद वहां से दो साल बाद भी एक बूंद पानी नही निकल सका। इसका सबसे बड़ा कारण है कि बागमती नदी परियोजना का बांध। जिस नदियो से उदभव सिचाई पम्प को कनेक्ट किया गया है, वह नदी तो दस साल पहले ही सुख चुकी है। दस साल पहले सुखे नदी से दो साल पहले लगे पम्प को जोड़ना समझ से पड़े है।
नतीजा, आसपास का सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। करीब बीस लाख की लागत से एक पम्प का निर्माण किया गया है। किसान सीताशरण राय, रामचंद्र राय, कपिलदेव राय, नीरज पटेल, रामशरणागत राय, शिवनाथ राय व महेश कुमार बताते हैं कि गर्मी के साथ ही सिचाई के सभी स्रोत ठप है। कई दिनों से चल रही पछुआ हवा के कारण किसान परेशान है। सिंचाई के लिए उपलब्ध तालाब, पोखर, कुआं, नदी सब सुख चुके है।
एक ओर राज्य व केंद्र सरकार कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चला रही हैं। वही, दूसरी ओर सिंचाई की व्यवस्था नहीं रहने से इस क्षेत्र के किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पुरे रीजन में कृषि कार्य पूरी तरह वर्षा पर ही आश्रित होकर रह गई है। समाजिक कार्यकर्ता वरूण सरकार बताते है कि अगर उनके पंचायत मे सभी बंद पड़े पम्पो को चालू कर दिया जाये तो किसान खुशहाल हो जायेंगे। विधायक मुन्ना यादव से किसानो ने मुलाकात की है। उन्होने आश्वासन दिया है कि पम्प को शीघ्र चालू कराने के लिए संबंधित विभाग से बातचीत जारी है।
This post was published on अप्रैल 20, 2017 11:08
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