मुआवजा की मांग को लेकर अनशन पर बैठे किसान

37 वर्षो के इंतजार के बाद भड़का आक्रोश

KKN न्यूज ब्यूरो। करीब 37 वर्षो से मुआवजा की आश में बैठे 105 किसानो का धैर्य अब जवाब दे गया और लालफीताशाही से हताश होकर किसानो ने मुजफ्फरपुर के बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यपालक पर अनिश्चितकालीन अनशन धरना पर बैठ गएं हैं। अनशन करने को विवश ये सभी किसान बिहार के मुजफ्फरपुर जिला अन्तर्गत मीनापुर प्रखंड के चांदपरना गांव के है। किसान अनील कुमार ने बताया कि 37 वर्षो से विभागीय कार्यालय का चक्कर काट-काट कर थक गएं हैं। अधिकारी पिछले एक साल से किसानो को आजकल में भुगतान का आश्वासन दे रहें थे। किंतु, मुआवजा का भुगतान नहीं होने से आंदोलन पर उतारू किसानो का कहना है कि अब मुआवजा मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री का आदेश भी हुआ बेअसर

किसानो ने बताया कि करीब सात साल पहले बिहार के मुख्यमंत्री ने किसानो का मुआवजा भुगतान करने का विभाग को आदेश दिया था। लोक शिकायत निवारण विभाग ने भी अपने एक आदेश में विभाग को मुआवजा भुगतान करने का आदेश दिया हुआ है। इसके बाद भी अधिकारी मामला को लगातार टालते रहे। इस बीच वर्ष 2018 के फरबरी महीने में विभाग के द्वारा लीज नीति के तहत स्थल व किसानो की पहचान की गई और भूमि की मापी होने के बाद भी किसानो को अभी तक मुआवजा नहीं मिलने से लेागो में आक्रोश है।

ये है मामला

मामला बूढ़ी गंडक नदी पर मीनापुर के चांदपरना गांव में बनाये गये रिटायर्ट बांध से जुड़ा है। बतातें चलें कि वर्ष 1982 में जलपथ प्रमंडल के द्वारा गांव में रिटायर्ट बांध का निर्माण किया गया। इसके लिए विभाग ने गांव के 105 किसानो से 9.69 एकड़ जमीन का अधीग्रहित किया था। किंतु, आज 37 वर्ष बाद भी इसका मुआवजा किसानो को नही मिला।

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