इस साल मॉनसून का आगमन समय से पहले हुआ था, लेकिन बिहार के अधिकांश हिस्सों में अब तक इसका प्रभाव कम देखने को मिला है। राज्य की राजधानी पटना सहित कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है, जबकि अन्य इलाकों में केवल उमस भरी गर्मी का असर है। कमजोर मॉनसून और ऊँची आर्द्रता के कारण बिहार के लोग गर्मी और भारी नमी का सामना कर रहे हैं।
पटना में हल्की बौछारें, किशनगंज, अररिया और भभुआ में 30-50 मिमी बारिश
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में पटना और उसके आसपास के इलाकों में केवल हल्की बौछारें हुईं, जबकि किशनगंज, अररिया और भभुआ में 30 से 50 मिमी तक बारिश दर्ज की गई। अन्य जिलों में औसतन 10 से 15 मिमी बारिश हुई है, जो इस बार की मॉनसून की कमजोर स्थिति को दर्शाती है। इस असमान बारिश के बावजूद, उच्च आर्द्रता के कारण मौसम में भारी गर्मी और उमस का असर बना हुआ है।
कौन से जिले हैं बारिश के लिए प्रभावित?
आज के लिए, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कैमूर और रोहतास जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही, 24 जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना है। इन जिलों में 40-50 किमी/घंटा तक हवा चलने की भी संभावना है, जो इन क्षेत्रों के लोगों को थोड़ी राहत दे सकती है। विशेषकर, दक्षिण बिहार के जिलों में आज अच्छी बारिश होने की संभावना जताई गई है, जबकि उत्तर बिहार में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
पटना में मॉनसून की बेरुखी: आंकड़ों का विश्लेषण
इस साल पटना में मॉनसून का प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहा है, जबकि पिछले साल की तुलना में मॉनसून का आगमन समय से पहले हुआ था। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पिछले साल के मुकाबले पटना में 13 मिमी कम बारिश हुई है, वहीं गया में इस साल 144 मिमी अधिक बारिश दर्ज की गई है। यही नहीं, अन्य जिलों जैसे भागलपुर, वाल्मीकि नगर, देहरी, और दरभंगा में भी पिछले साल की तुलना में अधिक बारिश हुई है।
हालांकि, जुलाई महीने में सामान्य से कम बारिश की संभावना व्यक्त की जा रही है। मौसम विभाग ने इसे लेकर चेतावनी भी जारी की है, जिससे किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए चिंता बढ़ सकती है।
बिहार के प्रमुख शहरों का तापमान और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)
निम्नलिखित में, बिहार के प्रमुख शहरों का ताजा तापमान और AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) दिखाया गया है:
शहर | अधिकतम/न्यूनतम तापमान (°C) | AQI स्तर |
---|---|---|
पटना | 37.7 / 28.2 | 58 |
मुजफ्फरपुर | 34.0 / 27.5 | 48 |
गया | 32.0 / 24.8 | 82 |
पूर्णिया | 32.5 / 27.1 | 57 |
भागलपुर | 32.0 / 27.1 | 51 |
(यह आंकड़ा शनिवार का है)
इस आंकड़े से यह स्पष्ट है कि तापमान के बावजूद, बिहार में उमस की स्थिति बनी हुई है। विशेषकर पटना और इसके आसपास के इलाकों में सुबह से लेकर शाम तक गर्मी और आर्द्रता का स्तर उच्च रहेगा। हालांकि, कुछ इलाकों में बारिश से स्थिति में सुधार हो सकता है।
उमस भरी गर्मी बनी हुई है
मॉनसून के कमजोर पड़ने और कम बारिश के कारण, बिहार के लोग गर्मी और उमस का सामना कर रहे हैं। खासकर, शहरी इलाकों में जहां तापमान 30-38°C के बीच रहता है, वहां लोग अधिक प्रभावित हैं। मौसम विभाग का कहना है कि उमस की स्थिति अगले कुछ दिनों तक बनी रह सकती है, जिससे नागरिकों को गर्मी और नमी से राहत मिलना मुश्किल होगा।
कृषि पर प्रभाव और ग्रामीण जीवन
मौसम में असमानता का सबसे ज्यादा असर बिहार के किसानों पर पड़ सकता है, विशेषकर उन किसानों पर जो बारिश पर निर्भर कृषि करते हैं। जुलाई महीने में धान, मक्का और दलहन की बुआई होती है, लेकिन लगातार कम बारिश और अनियमित मौसम के कारण कृषि कार्यों में देरी हो रही है।
मिथिलांचल, सीमांचल, और मैगध क्षेत्रों के किसान सबसे ज्यादा चिंतित हैं। स्थानीय अधिकारियों को सिंचाई के लिए डीजल सब्सिडी या वैकल्पिक फसल योजनाओं के तहत राहत उपायों को लागू करने की आवश्यकता हो सकती है।
आज का तापमान और भविष्यवाणी
पूरे बिहार में आज का तापमान 30 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में हवा की गति तेज होने से मौसम में हल्का बदलाव आ सकता है। दूसरी ओर, कुछ जिलों में सुबह से ही उमस भरी गर्मी बनी रहेगी। विभिन्न क्षेत्रों में बारिश की स्थिति का भी अनुमान लगाया गया है, जिनमें दक्षिण बिहार के जिलों में अधिक बारिश हो सकती है, जबकि उत्तर बिहार के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
इस समय बिहार का मॉनसून प्रदर्शन निम्न है, और आगामी दिनों में मौसम में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। यदि बारिश का स्तर कम रहता है, तो कृषि संकट पैदा हो सकता है, जबकि गर्मी और उमस के कारण आम जन जीवन भी प्रभावित रहेगा। हालांकि, IMD का अलर्ट और बारिश की उम्मीदों के बावजूद, हर क्षेत्र में नमी और उमस के प्रभाव को लेकर सावधानी बरतनी होगी।
इसलिए, बिहार के निवासी और कृषि समुदाय को मौसम की स्थिति पर नजर बनाए रखनी चाहिए और मौसम विभाग की अपडेट के अनुसार कदम उठाने चाहिए।
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