बिहार में आने वाले हफ्तों में मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि ला नीना का प्रभाव बढ़ने से तापमान में गिरावट का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर के मध्य से राज्य में सर्दी का असर शुरू हो जाएगा, और दिसंबर व जनवरी में ठंडी हवा और सर्दी से लोगों को परेशानी हो सकती है। इस बार की सर्दी विशेष रूप से ज्यादा ठंडी होने की संभावना जताई जा रही है।
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ला नीना का बिहार के मौसम पर प्रभाव
मौसम विभाग ने बिहार में बढ़ती ठंड के बारे में महत्वपूर्ण भविष्यवाणी की है। ला नीना के प्रभाव से उत्तर भारत, खासकर बिहार, में सामान्य से कम तापमान रहने की संभावना है। इसका असर नवंबर के मध्य से दिखाई देगा, जब सर्दी की शुरुआत हो जाएगी। दिसंबर और जनवरी के महीनों में ठंड अपने चरम पर पहुंचने के साथ-साथ बिहार के लोगों को ठिठुरन का सामना करना पड़ सकता है।
बिहार में शुष्क और ठंडी हवा
वर्तमान में बिहार में पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से मौसम शुष्क बना हुआ है। ये हवाएं अगले कुछ दिनों तक बिहार में शुष्क मौसम बनाए रखेंगी। इन हवाओं के कारण सुबह और शाम को हल्की ठंड महसूस होगी, जिसे लोग ‘गुलाबी ठंड’ के रूप में पहचानते हैं। अगले तीन-चार दिनों तक अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई खास गिरावट की संभावना नहीं है। हालांकि, पटना और आसपास के इलाकों में आसमान साफ रहेगा और दिन में तेज धूप महसूस होगी। शाम होते ही हल्की ठंड का असर बढ़ेगा।
दिन में तेज धूप, शाम में हल्की ठंड
मौसम विभाग के अनुसार, बिहार में अगले कुछ दिनों में तापमान में उतार-चढ़ाव देखा जाएगा। इस दौरान, तापमान में धीरे-धीरे गिरावट की संभावना है, जिससे ठंड बढ़ सकती है। बुधवार को पटना का अधिकतम तापमान 31.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि खगड़िया में 34.5 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया। इस दौरान, नालंदा, छपरा, सुपौल, अररिया, कटिहार, भागलपुर, और किशनगंज जिलों को छोड़कर बाकी जिलों में अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।
ठंड का असर कब से बढ़ेगा?
मौसम विभाग का कहना है कि ला नीना का प्रभाव बढ़ने के साथ बिहार में ठंड बढ़ेगी। यह प्रभाव नवंबर के मध्य से महसूस होने लगेगा। उस समय से सर्दी की शुरुआत होगी और दिसंबर-जनवरी में ठंड और अधिक बढ़ जाएगी। ये महीने ठिठुरन और सर्द हवाओं से भरे रह सकते हैं, जो बिहारवासियों के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे।
ला नीना का क्या मतलब है बिहार के लिए?
ला नीना एक जलवायु घटना है, जिसमें प्रशांत महासागर के केंद्रीय और पूर्वी क्षेत्रों में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से अधिक ठंडा हो जाता है। यह घटना भारत के मौसम को प्रभावित करती है, और खासतौर पर बिहार में तापमान में गिरावट लाती है। बिहार में इस बार ला नीना का असर बहुत अधिक देखने को मिल सकता है, जिससे सर्दी की शुरुआत जल्दी हो सकती है और ठंड का असर ज्यादा महसूस होगा।
आने वाले हफ्तों में तापमान में गिरावट की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में बिहार में तापमान में कोई बड़ी गिरावट नहीं आएगी, लेकिन फिर भी तापमान में धीरे-धीरे कमी आने की संभावना है। आने वाले हफ्तों में विशेष रूप से सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ेगी। दिसंबर और जनवरी में तापमान के और गिरने के साथ ठंड अधिक बढ़ सकती है। इन महीनों में ठंडी हवाएं और सर्दी का असर ज्यादा महसूस होगा, जिससे लोगों को ठिठुरन का सामना करना पड़ेगा।
सर्दी का असर दैनिक जीवन पर
ठंडी का असर बिहार के दैनिक जीवन पर भी दिखेगा। ठंड के बढ़ते प्रभाव के साथ लोग सुबह और शाम के समय अधिक ठंड महसूस करेंगे। सर्दी के कारण स्कूलों, दफ्तरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अधिक ठंड का सामना करना पड़ेगा। लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने के साथ-साथ घरों में भी हीटर और गर्म खाने-पीने का ध्यान रखेंगे।
किसानों के लिए भी यह मौसम चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कम तापमान और ठंडी हवाओं के कारण फसलें प्रभावित हो सकती हैं। विशेषज्ञ किसानों को सलाह दे रहे हैं कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करें ताकि सर्दी के असर से उन्हें नुकसान न हो।
बिहार में दिसंबर और जनवरी की सर्दी
जैसा कि मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है, बिहार में दिसंबर और जनवरी में सर्दी के साथ-साथ ठिठुरन भी बढ़ सकती है। ये महीने बिहारवासियों के लिए अधिक कठिन हो सकते हैं, क्योंकि ठंडी हवाएं और सर्द तापमान अधिक समय तक चलने की संभावना है। इसके कारण आम जीवन, यातायात और स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है।
सर्दी से बचाव के उपाय
बिहार के लोग अब से ही सर्दी के लिए तैयारी करना शुरू कर सकते हैं। इसके लिए उचित गर्म कपड़े, हीटर, और गर्म खाने-पीने का ध्यान रखना आवश्यक होगा। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को ठंड से बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, इस सर्दी में बिहार में तापमान सामान्य से अधिक गिर सकता है, जिससे ठंड का असर और बढ़ सकता है। इस लिहाज से राज्य के लोगों को सर्दी के दौरान अपनी सेहत का खास ध्यान रखने की जरूरत होगी।
ला नीना का प्रभाव बढ़ने के साथ ही बिहार में सर्दी का असर महसूस होने लगेगा। नवंबर के मध्य से सर्दी का प्रकोप बढ़ेगा और दिसंबर-जनवरी में ठंडी हवाओं और बर्फीली सर्दी के कारण आम जीवन में असर पड़ेगा। मौसम विभाग की सलाह है कि सभी लोग ठंड से बचने के लिए पूरी तैयारी करें और इस मौसम में स्वास्थ्य को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।



