KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 चल रही है और परीक्षा में धोखाधड़ी रोकने के लिए सख्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। शुक्रवार को पहली पाली में रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री) परीक्षा का आयोजन हुआ, जिसमें मसौढ़ी के श्रीमती गिरिजा कुंवर हाई स्कूल में एक अनोखी जांच प्रक्रिया अपनाई गई।
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इस परीक्षा केंद्र पर सभी छात्राओं से उनके माता-पिता का नाम पूछा गया और सही जवाब देने के बाद ही उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया। यह नई सुरक्षा व्यवस्था इसलिए लागू की गई क्योंकि गुरुवार को एक परीक्षार्थी की जगह कोई और परीक्षा देकर चला गया था।
कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरी छात्राएं
श्रीमती गिरिजा कुंवर हाई स्कूल में परीक्षा देने आई सभी छात्राओं की फोटो मिलान और दस्तावेजों की जांच के साथ-साथ उनके माता-पिता का नाम पूछा गया। यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई फर्जी परीक्षार्थी परीक्षा में न बैठे।
इसके अलावा, परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार पर मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी और पर्यवेक्षक तैनात किए गए थे। उन्होंने प्रत्येक छात्रा से पूछताछ की और सुनिश्चित किया कि केवल वास्तविक उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए।
परीक्षा में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सख्त कदम
बिहार में बोर्ड परीक्षाओं में नकल और फर्जी परीक्षार्थियों की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। इस बार, बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (BSEB) ने सख्त सुरक्षा उपाय लागू किए हैं ताकि परीक्षा की शुचिता बनी रहे।
गुरुवार को परीक्षा केंद्र पर एक छात्र की जगह किसी और ने परीक्षा दी और अधिकारी इसे रोकने में असफल रहे। इस घटना के बाद, शुक्रवार को कड़ी जांच व्यवस्था लागू की गई, जिसमें माता-पिता का नाम पूछकर छात्राओं की पहचान सुनिश्चित की गई।
कैसे पकड़ा गया फर्जी परीक्षार्थी?
गुरुवार को हुई परीक्षा में एक अन्य व्यक्ति ने एक छात्रा के बदले परीक्षा दी थी, लेकिन अधिकारियों को इस बात की भनक परीक्षा समाप्त होने के बाद लगी।
इस गलती को सुधारने के लिए, शुक्रवार को सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए कि हर परीक्षार्थी का पूरी तरह सत्यापन किया जाए। मुख्य द्वार पर ही माता-पिता का नाम पूछकर और फोटो मिलान करके छात्राओं को प्रवेश दिया गया।
बिहार में पहले भी हो चुकी हैं परीक्षा में धांधली की घटनाएं
बिहार में परीक्षा में धांधली और फर्जी परीक्षार्थियों की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। कई बार छात्र पैसे देकर किसी और से परीक्षा दिलवा लेते हैं। इसी वजह से बिहार बोर्ड ने कई सुरक्षा उपाय लागू किए हैं।
बिहार में परीक्षा से जुड़े कुछ चर्चित घोटाले:
- 2016 टॉपर्स घोटाला – कई छात्र बिना पढ़ाई किए टॉप कर गए और जब उनसे इंटरव्यू में सवाल पूछे गए, तो वे जवाब तक नहीं दे सके।
- नकल माफिया का खेल – कुछ साल पहले की तस्वीरें वायरल हुई थीं, जिनमें परिजन परीक्षा केंद्र की दीवार पर चढ़कर छात्रों को उत्तर बताते दिखे थे।
- फर्जी परीक्षार्थी मामला – कई बार ऐसा हुआ कि छात्रों ने पैसे देकर अपनी जगह किसी और को परीक्षा देने भेज दिया।
बिहार बोर्ड की नई सुरक्षा व्यवस्था
बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (BSEB) ने परीक्षाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए कई उपाय किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- बायोमेट्रिक पंजीकरण – अब छात्रों का आधार कार्ड आधारित पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
- CCTV निगरानी – परीक्षा केंद्रों में CCTV कैमरे लगाए गए हैं, ताकि किसी भी गड़बड़ी पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
- पुलिस तैनाती और मजिस्ट्रेट निगरानी – सभी परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बल और मजिस्ट्रेट मौजूद रहते हैं।
- उत्तर पुस्तिकाओं पर बारकोड सिस्टम – उत्तर पुस्तिकाओं में बारकोड लगाया गया है, जिससे कॉपी बदलने की घटनाओं पर रोक लग सके।
इस बार माता-पिता के नाम पूछने का नया नियम एक अतिरिक्त सुरक्षा उपाय के रूप में अपनाया गया है, ताकि फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा जा सके।
छात्राओं की प्रतिक्रिया
इस नई जांच प्रक्रिया पर छात्राओं की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं।
एक छात्रा ने कहा, “पहली बार ऐसा हुआ कि हमें परीक्षा में प्रवेश से पहले माता-पिता का नाम बताना पड़ा, लेकिन सुरक्षा के लिए यह जरूरी है।”
वहीं, दूसरी छात्रा ने कहा, “यह प्रक्रिया थोड़ी परेशान करने वाली थी, लेकिन अगर इससे फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा जाता है, तो यह सही कदम है।”
बिहार बोर्ड परीक्षा के भविष्य के लिए क्या संकेत देता है यह फैसला?
बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 अभी जारी है और संभावना है कि अन्य परीक्षा केंद्रों पर भी सख्त जांच प्रक्रिया लागू की जाएगी।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) और प्रशासन अब पहले से ज्यादा सतर्क हो गया है और भविष्य में और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
मसौढ़ी के श्रीमती गिरिजा कुंवर हाई स्कूल में अपनाई गई यह नई जांच प्रक्रिया इस बात का संकेत है कि बिहार में अब परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी।
बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 में इस बार फर्जी परीक्षार्थियों को रोकने के लिए नए सुरक्षा उपाय अपनाए गए हैं। मसौढ़ी के परीक्षा केंद्र पर छात्राओं से माता-पिता का नाम पूछकर और फोटो मिलान के बाद ही प्रवेश दिया गया, जिससे परीक्षा में धोखाधड़ी रोकने में मदद मिली।
बिहार में पहले भी परीक्षा से जुड़े कई घोटाले सामने आ चुके हैं, इसलिए इस बार प्रशासन पूरी तरह सख्त कार्रवाई कर रहा है। अगर यह प्रक्रिया सफल रही, तो भविष्य में बिहार बोर्ड परीक्षाओं में यह मानक प्रक्रिया बन सकती है।
यह कदम बिहार की शिक्षा प्रणाली में सुधार और परीक्षा में निष्पक्षता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो सकता है|
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