गुरूवार, जून 26, 2025
होमBiharचैती छठ महापर्व की शुरुआत: एक पवित्र चार दिन का त्योहार

चैती छठ महापर्व की शुरुआत: एक पवित्र चार दिन का त्योहार

Published on

Follow Us : Google News WhatsApp

गुरुग्राम डेस्क | चैती छठ लोक आस्था का महापर्व है, जो इस वर्ष मंगलवार को नहाए खाए के साथ शुरू हो रहा है। यह त्योहार चार दिनों का अनुष्ठान होता है, जिसमें विशेष रूप से शुद्धता का ध्यान रखा जाता है और हर कार्य को पूरे शुद्ध तरीके से किया जाता है। छठव्रती (जो इस उपवास को करते हैं) और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी इस समय पूरी तरह से शुद्ध रहते हैं और विशेष धार्मिक आस्था के साथ इस पर्व को मनाते हैं।

नहाए खाए का महत्व

चैती छठ के पहले दिन, नहाए खाए का विशेष महत्व है। इस दिन, छठव्रती पहले गंगा स्नान या फिर किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं। इस स्नान के साथ ही वे खुद को शुद्ध करते हैं और फिर नहाए खाए का आयोजन करते हैं। इस दिन का खास महत्व है क्योंकि इसे पवित्रता और समर्पण के रूप में देखा जाता है।

इस दिन में कद्दू की सब्जीचने की दाल, और अरवा चावल का विशेष महत्व होता है। कुछ स्थानों पर इसे कद्दू भात भी कहा जाता है। इस दिन के प्रसाद को पूरे शुद्ध तरीके से बनाया जाता है और पूजा करके ग्रहण किया जाता है। साथ ही परिवार और मित्रों को भी प्रसाद बांटने की परंपरा है।

छठ महापर्व और शुद्धता

चैती छठ महापर्व में शुद्धता का महत्व अत्यधिक होता है। छठव्रती के लिए हर कार्य को शुद्धता के साथ करना अनिवार्य है। इस दिन को लेकर गंगा घाटों पर सुबह से ही छठव्रती और उनके परिवारजन पवित्र स्नान करने के लिए जुटते हैं। यह सब शुद्धता के साथ किया जाता है, ताकि इस महापर्व में कोई भी अनिष्ट ना हो।

घर के अन्य सदस्य भी पूरी तरह शुद्ध होकर ही प्रसाद तैयार करते हैं। कई लोग गंगाजल का उपयोग प्रसाद बनाने में करते हैं, जबकि अन्य शुद्ध पानी (चापाकल का पानी) का इस्तेमाल करते हैं। यह शुद्धता इस पर्व का महत्वपूर्ण अंग है और छठव्रती के समर्पण और आस्था को दर्शाता है।

गंगाजल का महत्व

गंगाजल का उपयोग छठ महापर्व के दौरान विशेष रूप से किया जाता है। गंगा नदी को भारत में सबसे पवित्र माना जाता है, और इसके जल को पवित्रता और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, जब प्रसाद बनाया जाता है, तो बहुत से लोग गंगाजल का इस्तेमाल करते हैं। जो लोग गंगाजल नहीं प्राप्त कर सकते, वे शुद्ध जल का ही उपयोग करते हैं, लेकिन इसकी पवित्रता का विशेष ध्यान रखते हैं।

छठ महापर्व की सांस्कृतिक और सामाजिक महत्ता

छठ महापर्व सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजन भी है। नहाए खाए के दिन, घर के सभी सदस्य एक साथ मिलकर प्रसाद तैयार करते हैं और फिर उसे परिवार, मित्रों और पड़ोसियों के साथ साझा करते हैं। यह एक समुदायिक भावना को भी प्रोत्साहित करता है और लोगों के बीच प्रेम और एकता को बढ़ाता है।

यह पर्व न केवल व्यक्तिगत समृद्धि के लिए होता है, बल्कि यह समाजिक सद्भाव और सामूहिक आस्था को भी उजागर करता है।

अगले दिन की तैयारी: खरना

नहाए खाए के बाद अगले दिन, यानी 2 अप्रैल, बुधवार, को छठव्रती खरना करेंगे। खरना के दिन, छठव्रती पूरे दिन उपवासी रहते हैं और रात को गंगाजल और दूध तथा गुड़ के साथ बनी खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस दिन को विशेष रूप से उपवास और आत्मनियंत्रण का प्रतीक माना जाता है। खरना के बाद छठव्रती कुछ भी नहीं खाते, यहां तक कि पानी भी नहीं पीते।

छठ महापर्व की आध्यात्मिक और धार्मिक महत्ता

चैती छठ महापर्व का प्रमुख उद्देश्य सूर्य देवता की पूजा करना है, जो जीवन और ऊर्जा के स्रोत माने जाते हैं। इस दिन के अनुष्ठान के माध्यम से छठव्रती सूर्य देवता से अपने परिवार के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।

यह पर्व न केवल शारीरिक शुद्धता और उपवास के माध्यम से आत्मा की शुद्धि करता है, बल्कि यह धार्मिक अनुशासन और आध्यात्मिक विकास को भी बढ़ावा देता है।

पर्यावरणीय जागरूकता

छठ महापर्व पर्यावरणीय जागरूकता को भी बढ़ावा देता है। इस पर्व में जो प्रसाद चढ़ाए जाते हैं, वे प्राकृतिक और पारिस्थितिकी फ्रेंडली होते हैं। इसके अलावा, पवित्र नदियों और जल स्रोतों के साथ छठव्रती का जुड़ाव भी जल संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के प्रति सम्मान की भावना पैदा करता है।

कुल मिलाकर, छठ महापर्व शुद्धता, समर्पण और एकता का प्रतीक है। नहाए खाए के दिन से लेकर खरना तक के अनुष्ठान, पूरी तरह से आत्मानुशासन और भक्ति में डूबे होते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग को एकजुट करने, प्रेम और एकता का संदेश देने वाला भी है।

इस पर्व के दौरान लोग न केवल सूर्य देवता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, बल्कि अपनी आध्यात्मिक यात्रा को भी पूर्ण करते हैं। यह त्योहार जीवन के उन अनमोल क्षणों को मान्यता देता है, जो शुद्धता, भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Latest articles

मुजफ्फरपुर में मीनापुर-टेंगराहा पथ के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण, NH-28 पर सुरक्षा खतरे की स्थिति

मुजफ्फरपुर में मीनापुर-टेंगराहा पथ के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी की गई...

टीआरपी रिपोर्ट: इस हफ्ते ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ बना नंबर 1, टॉप 10 में इस शो की एंट्री

BARC (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) ने 24वें हफ्ते की टीआरपी लिस्ट जारी कर दी...

अंकिता लोखंडे ने लाफ्टर शेफ सेट पर दी गुड न्यूज, प्रेग्नेंसी की खबर से चौंके फैंस

अंकिता लोखंडे, टीवी इंडस्ट्री की पॉपुलर एक्ट्रेस, जो अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को...

FWICE ने ‘बॉर्डर 2’ से दिलजीत दोसांझ को निकालने की मांग की, पूर्व मैनेजर ने किया बचाव

पंजाबी सिंगर और अभिनेता दिलजीत दोसांझ इन दिनों अपने करियर के सबसे बड़े विवादों...

More like this

मुजफ्फरपुर में मीनापुर-टेंगराहा पथ के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण, NH-28 पर सुरक्षा खतरे की स्थिति

मुजफ्फरपुर में मीनापुर-टेंगराहा पथ के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी की गई...

अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला का पहला संदेश: ISS पर डॉकिंग से पहले भारत का गौरवमयी क्षण

भारत के अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर जुड़...

पेट की सेहत सुधारने और पाचन समस्याओं को कम करने के लिए 10 सबसे प्रभावी खाद्य पदार्थ और जड़ी-बूटियाँ

जैसे-जैसे हम उम्र बढ़ाते हैं, हमारे शरीर का मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है, जिसके...

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में तेजी, चुनाव चिन्हों का आवंटन: पार्टी के नए प्रतीक और चुनावी रणनीतियाँ

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ अब तेज़ हो गई हैं। चुनाव आयोग ने विभिन्न...

26 जून 2025, आज का राशिफल: करियर में सफलता और पहचान बढ़ाने का अवसर

आज का दिन 26 जून 2025, खासतौर पर पेशेवर जीवन में तरक्की और पहचान...

बिहार में अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना, कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी

बिहार में अगले 24 घंटों में बारिश की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना...

बिहार के मंत्री अशोक चौधरी बने प्रोफेसर, अब कॉलेज में पढ़ाएंगे राजनीति शास्त्र

बिहार के वरिष्ठ नेता और राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी अब शिक्षा के क्षेत्र में...

तेजस्वी यादव का बयान: बिहार की राजनीति में लालू यादव परिवार से किसी नए सदस्य के प्रवेश पर रोक

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने हाल ही में लालू यादव परिवार से...

भारतीय क्रिकेट के ऐतिहासिक माइलस्टोन: 25 जून, भारतीय क्रिकेट के लिए एक खास दिन

KKN गुरुग्राम डेस्क | 25 जून भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण...

इंदिरा गांधी आपातकाल: भारतीय लोकतंत्र का सबसे अंधकारमय दौर

KKN गुरुग्राम डेस्क | 25 जून 1975 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक...

आज का राशिफल (25 जून 2025): उत्कृष्ट प्रदर्शन और सफलता की ओर बढ़ें, महत्वपूर्ण प्रस्ताव मिल सकते हैं

KKN गुरुग्राम डेस्क | आज का राशिफल आपके लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित...

बिहार के 26 जिलों में भारी बारिश और आंधी-तूफान का अलर्ट

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में मानसून ने दस्तक तो दे दी है, लेकिन...

ककोलत झरना: भारी बारिश के कारण झरने का विकराल रूप, प्रशासन ने की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

KKN गुरुग्राम डेस्क | ककोलत झरना, जो बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से...

सावन में कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन अलर्ट, पुलिस की सुरक्षा में चलेंगे श्रद्धालु, ड्रोन से भी होगी निगरानी

KKN गुरुग्राम डेस्क | जैसे-जैसे सावन महीना नजदीक आ रहा है, कांवड़ यात्रा की तैयारियां जोरों पर...

केला खाने के नुकसान: जानिए कैसे यह फल कुछ लोगों के लिए हो सकता है हानिकारक

KKN गुरुग्राम डेस्क | केला एक ऐसा फल है जो आमतौर पर सेहत के...
Install App Google News WhatsApp