KKN गुरुग्राम डेस्क | सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम (Supreme Court Collegium) ने पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में 5 नए जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार (Central Government) को अनुशंसा भेजी है। यह नियुक्ति अधिवक्ता कोटे (Advocate Quota) के तहत की जाएगी।
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वर्तमान में पटना हाईकोर्ट में कुल 34 जज कार्यरत हैं, जबकि स्वीकृत पद 53 हैं। अगर केंद्र सरकार इस सिफारिश को मंजूरी देती है, तो हाईकोर्ट में जजों की कुल संख्या 39 हो जाएगी, लेकिन अब भी 14 पद रिक्त रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की बैठक और सिफारिशें
20 फरवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने एक विशेष बैठक आयोजित की, जिसमें पटना हाईकोर्ट के लिए 5 नए जजों की नियुक्ति की सिफारिश की गई। यह प्रस्ताव अब केंद्र सरकार के पास अंतिम स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
पटना हाईकोर्ट में नियुक्ति के लिए सिफारिश किए गए नाम
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने पटना हाईकोर्ट में अधिवक्ता कोटे से जजों की नियुक्ति के लिए निम्नलिखित 5 नामों की अनुशंसा की है:
1️⃣ आलोक कुमार सिन्हा (Alok Kumar Sinha)
2️⃣ रितेश कुमार (Ritesh Kumar)
3️⃣ सोनी श्रीवास्तव (Soni Srivastava)
4️⃣ सौरेन्द्र पांडेय (Saurendra Pandey)
5️⃣ अंशुल उर्फ अंशुल राज (Anshul aka Anshul Raj)
इन 5 नए जजों की नियुक्ति से पटना हाईकोर्ट की न्यायिक प्रणाली मजबूत होगी और न्यायिक कार्यों में तेजी आएगी।
पटना हाईकोर्ट में जजों की वर्तमान स्थिति
???? कुल स्वीकृत पद: 53
???? वर्तमान में कार्यरत जज: 34
???? सिफारिश की गई नियुक्तियाँ: 5
???? नई नियुक्तियों के बाद कुल जज: 39
???? रिक्त पद: 14
हालांकि, इन 5 जजों की नियुक्ति के बाद भी 14 पद खाली रहेंगे, जिससे न्यायपालिका में और जजों की जरूरत बनी रहेगी।
पटना हाईकोर्ट में नए जजों की नियुक्ति क्यों जरूरी है?
पटना हाईकोर्ट बिहार का सबसे व्यस्त न्यायालयों में से एक है, जहां लाखों मामले लंबित हैं। न्याय में देरी होने के कारण लोगों को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में नए जजों की नियुक्ति बेहद जरूरी है।
न्यायपालिका को मजबूत करने के लिए यह नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण है?
✔ लंबित मामलों की संख्या अधिक है, जिससे केस निपटाने में देरी हो रही है।
✔ नए जजों की नियुक्ति से न्यायिक प्रक्रिया तेज होगी और मामलों का निपटारा जल्द होगा।
✔ न्यायपालिका को अधिक कुशल और प्रभावी बनाने के लिए अधिक जजों की आवश्यकता है।
✔ बिहार की कानूनी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह नियुक्ति महत्वपूर्ण साबित होगी।
अगर सरकार इस सिफारिश को मंजूरी देती है, तो पटना हाईकोर्ट में न्यायिक कार्यों की गति तेज होगी और मामलों का निपटारा जल्द हो सकेगा।
अब आगे क्या होगा? नियुक्ति प्रक्रिया और अंतिम मंजूरी
अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा गया है, जहां इसकी समीक्षा की जाएगी। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण होंगे:
???? कानूनी और प्रशासनिक समीक्षा: कानून मंत्रालय (Ministry of Law and Justice) इन नामों की जांच करेगा।
???? राष्ट्रपति की मंजूरी: अंतिम स्वीकृति भारत के राष्ट्रपति द्वारा दी जाएगी।
???? शपथ ग्रहण और कार्यभार ग्रहण: स्वीकृति मिलने के बाद, नए जज शपथ लेंगे और कार्यभार संभालेंगे।
यह पूरी प्रक्रिया कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों तक का समय ले सकती है।
पटना हाईकोर्ट के समक्ष न्यायपालिका से जुड़े मुख्य मुद्दे
हालांकि, 5 नए जजों की नियुक्ति एक सकारात्मक कदम है, लेकिन पटना हाईकोर्ट में अब भी कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
मुख्य चुनौतियाँ और आवश्यक सुधार
???? अभी भी 14 पद रिक्त रहेंगे, जिससे न्यायपालिका में अधिक जजों की जरूरत बनी रहेगी।
???? डिजिटलीकरण की कमी: ई-कोर्ट और केस मैनेजमेंट सिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।
???? बढ़ती लंबित मामलों की संख्या: नए जजों के बावजूद, बैकलॉग को पूरी तरह खत्म करने में समय लगेगा।
???? तेजी से न्यायिक सुधारों की जरूरत: बिहार की न्यायपालिका में बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता है।
सरकार को आने वाले समय में न्यायपालिका को और अधिक जज और संसाधन देने होंगे, ताकि न्यायिक व्यवस्था को और मजबूत किया जा सके।
बिहार की न्यायपालिका को कैसे होगा फायदा?
✔ मामलों का निपटारा तेजी से होगा और लंबित केस की संख्या कम होगी।
✔ न्यायपालिका अधिक प्रभावी और मजबूत होगी, जिससे लोगों को जल्दी न्याय मिलेगा।
✔ नए जजों के आने से काम का बोझ कम होगा, जिससे जज बेहतर तरीके से मामलों की सुनवाई कर सकेंगे।
✔ बिहार की न्याय व्यवस्था को नया आयाम मिलेगा, जिससे राज्य में कानून व्यवस्था और मजबूत होगी।
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा पटना हाईकोर्ट के लिए 5 नए जजों की सिफारिश करना न्याय व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय है।
मुख्य बिंदु:
???? पटना हाईकोर्ट के लिए 5 नए जजों की सिफारिश की गई।
???? अगर मंजूरी मिलती है, तो हाईकोर्ट में कुल 39 जज होंगे।
???? न्यायपालिका की क्षमता बढ़ाने और मामलों के निपटारे में तेजी लाने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम है।
???? अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास है, जो अंतिम निर्णय लेगी।
यदि केंद्र सरकार इस अनुशंसा को मंजूरी देती है, तो पटना हाईकोर्ट में न्याय प्रक्रिया को गति मिलेगी और न्यायपालिका अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकेगी।
लेटेस्ट अपडेट और बिहार न्यायपालिका से जुड़ी ख़बरों के लिए हमारे साथ बने रहें! ⚖️????
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