Agriculture

कर्ज में डूबे फूल की खेती करने वाले किसान, अधिकारी से लगाई मदद की गुहार

तीन बच्चो का भविष्य अंधकार में डूबा

कौशलेन्द्र झा। मीनापुर के वासुदेव छपरा गांव में तीन एकड़ जमीन पर खिला गेंदे का फूल लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया। किसान बीडीओ को पत्र लिख कर मदद की गुहार लगा रहे हैं और मदद नहीं मिलने पर बच्चों समेत आत्महत्या करने की लिखित में धमकी दे रहें हैं। बावजूद इसके कोई सुनने को तैयार नहीं है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला का यह मामला है। दरअसल, अपने तीन बच्चों की मदद से खेतों में खिले गेंदा का फूल तोड़कर गड्ढे में फेंक रहे किसान फूलदेव भगत बहुत परेसान है। पूछने पर कहते हैं कि महाजन से चार लाख रुपये कर्ज लेकर फूल की खेती की थीं। फूल तो खिला, पर लॉकडाउन की वजह से इसकी खपत नहीं हुई। नतीजा, अब फूल तोड़ कर गड्ढे में फेंकना पड़ रहा है। क्योंकि, फूल को समय पर तोड़ा नहीं गया तो, फूल का पेंड़ सूख जायेगा।
लॉकडाउन की वजह से फूल का कारोबार ठप है और फूल की खेती करने वाले किसान भुखमरी के कगार पर आ गयें हैं। फूलदेव कहते है कि महाजन से पांच रुपये सैकड़ा ब्याज पर चार लाख रुपये कर्ज लेकर खेती की थीं। खेती के लिए पांच एकड़ जमीन लीज पर है। भूस्वामी को सालाना 80 हजार रुपये देना पड़ता है। इसके अतिरिक्त एक लाख रुपये की पगड़ी जमा है, वह अलग। कहतें हैं कि बच्चों की पढ़ाई तो पहले से बंद है। अब घर में भोजन के लाले पड़ गए हैं।
यहां आपको बताना जरुरी है कि फूलदेव भगत मूलरूप से देवरिया थाना के बुद्धिमानपुर गांव का रहने वाला है। वर्ष 2011 में मीनापुर के राघोपुर गांव की रिंकू देवी से उसका विवाह हुआ और तब से वह यही अपने ससुराल में रह गया। पांच साल पहले समीप के ही वासुदेव छपरा गांव में फूलदेव ने पांच एकड़ जमीन लीज पर लिया और फूल की खेती करने लगा। बहरहाल, फूलदेव पर लॉकडाउन की ऐसी मार पड़ी कि अब उसको सहारा देने वाला भी कोई नहीं है। घर में खाने के लिए अन्न का एक भी दाना नहीं है और पहले से कर्ज में डूबे इस किसान को अब और कर्ज देने को कोई तैयार नहीं है।

इन फूलो की खेती करता है फूलदेव

कोलकाता से बीज लाकर फूलदेव अपने खेतो में गेंदा के अतिरिक्त गुलाब, चीना, चेरी, गुल मखमल, रीता, डालिया और जरबेरा की खेती करता है। वह बताता है कि प्रति एकड़ 50 हजार रुपये की लागत खर्च से फूल की खेती से प्रति एकड़ 80 हजार से एक लाख रुपये तक की कमाई हो जाती थी। वह कहता है कि पीक सीजन में लॉकडाउन होने से इस वर्ष लाखों रुपये का नुकसान हो गया। फूलदेव विकलांग है और वर्ष 2018 में उसकी पत्नी रिंकू देवी की मौत हो चुकी है। उसके तीन छोटे बच्चे है। शिवानी कुमारी, वर्षा कुमारी और चांदनी कुमारी।

This post was published on मई 20, 2020 13:11

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कौशलेन्‍द्र झा

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