फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री की नई फिल्म द बंगाल फाइल्स रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। बंगाल में फिल्म का ट्रेलर रोके जाने और विरोध बढ़ने के बाद विवेक ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक लंबा मैसेज जारी किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि फिल्म को शांतिपूर्वक रिलीज होने दिया जाए।
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ट्रेलर रिलीज पर रोके जाने का आरोप
विवेक ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि “हमारी फिल्म द बंगाल फाइल्स पूरी दुनिया में रिलीज होने जा रही है। लेकिन ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि शायद बंगाल में इसे बैन कर दिया जाएगा। अगर बैन नहीं भी हुआ तो प्रदर्शकों पर इतना राजनीतिक दबाव है कि वे इसे दिखाने से डर रहे हैं। इसी डर की वजह से थिएटर में ट्रेलर नहीं दिखाया गया। यहां तक कि जब हमने इसे प्राइवेट होटल में दिखाने की कोशिश की, तो पुलिस ने रोक दिया।”
FIR और बैन की मांग
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की पार्टी के कई कार्यकर्ता फिल्म पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं और बेबुनियाद FIR भी दर्ज करवा रहे हैं। विवेक ने निवेदन किया कि सरकार इस फिल्म को peaceful release दे।
“आपकी पार्टी के वर्कर्स लगातार फिल्म को बैन करने की मांग कर रहे हैं। कई FIR दर्ज हुई हैं जिनकी कोई बुनियाद नहीं है। मैं हाथ जोड़कर आपसे अपील करता हूं कि इसे शांति से रिलीज होने दें।”
संविधान की शपथ का हवाला
विवेक ने ममता बनर्जी को याद दिलाया कि उन्होंने भारत के संविधान की शपथ ली है। “आपने हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करने की शपथ ली है। यह फिल्म CBFC से पास है, जो एक constitutional body है। इसलिए आपकी जिम्मेदारी है कि इसे release करने में सहयोग करें।”
भारत की पीड़ा और बंगाल का अध्याय
विवेक ने कहा कि भारत दुनिया का वह देश है जिसने सबसे लंबे समय तक गुलामी और अत्याचार झेला। “हमारी जमीन, आत्मा, संस्कृति और धर्म को बार-बार तोड़ा गया। बंगाल का अध्याय इसमें सबसे दर्दनाक है – Direct Action Day और Noakhali Massacre के बिना हिंदुओं का विभाजन शायद नहीं होता।”
बंगाल की विरासत और बलिदान
उन्होंने आगे कहा कि बंगाल केवल पीड़ा का प्रतीक नहीं है बल्कि भारत के रेनैसांस की जन्मस्थली भी है। “विवेकानंद, रामकृष्ण, टैगोर और सुभाष चंद्र बोस यहीं से निकले। बंगाल ने जितना बलिदान दिया उतना किसी और ने नहीं। लेकिन आज की पीढ़ी इन सच्चाइयों से अनजान है। आखिर क्यों?”
सच बोलना गुनाह है?
विवेक ने सवाल उठाया कि क्या देश के बारे में सच बताना गुनाह है। उन्होंने कहा कि अगर सच्चे भारतीय के तौर पर सोचा जाए तो यह फिल्म बैन नहीं होनी चाहिए। “बंगाल का सच, भारत का सच है। अगर अब नहीं बोलेंगे तो कब बोलेंगे?”
“अगर सच बोलना गुनाह है तो मैं गुनहगार हूं”
अपने संदेश के अंत में विवेक बोले, “एक्शन डे और नोआखाली नरसंहार जैसे सच को कोई बंगाली बैन नहीं कर सकता। अगर हिंदू इतिहास का सच बोलना गुनाह है, तो मैं गुनहगार हूं। आप चाहें तो मुझे सजा दे सकते हैं। वंदे मातरम।”
विवेक अग्निहोत्री का यह संदेश केवल एक फिल्म को लेकर नहीं बल्कि freedom of expression और historical truth की बहस को भी छेड़ता है। उन्होंने बंगाल के इतिहास, भारत की संस्कृति और संविधान का हवाला देकर इसे बैन न करने की मांग की है। अब देखना यह होगा कि द बंगाल फाइल्स पर सरकार का अगला कदम क्या होता है।
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