किसानों पर पुलिस की फायरिंग में पांच की मौत

सीएम ने की एक करोड़ रुपये मदद की घोषणा

मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के मंदसौर में आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस ने गोलियां बरसाईं, जिसमें पांच किसानों की मौत हो गई। ये किसान फसलों के वाजिब दाम सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनो को एक करोड़ की आर्थिक मदद करने की घोषणा कर दी है। इधर, पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिले के पिपल्यामंडी में आंदोलनकारी उपद्रव करने लगे थे। लिहाजा पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए गोलियां चलानी पड़ीं।
इससे पहले उग्र किसान पिपल्यामंडी में पथराव और आगजनी करते हुए दुकानें बंद कराने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान एक व्यापारी से उनकी झड़प हो गई और दोनों पक्षों में मारपीट हुई। प्रदर्शनकारियों ने दुकानों के बाहर रखे टायरों समेत कुछ और सामान जला दिए तो पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इसके बाद उग्र किसानों ने दलौदा में एक रेलवे फाटक को क्षतिग्रस्त कर दिया और पटरियां उखाड़ने की कोशिश की। सुवासरा में भी दोनों पक्षों में टकराव की खबरें हैं।
प्रशासन ने इलाके में इंटरनेट सेवाओं पर बैन लगा दिया है। इस बीच राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने आंदोलन को और बड़ा रूप देने की चेतावनी दी है। संघ ने बुधवार को प्रदेशव्यापी बंद का ऐलान किया है।
इधर, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पुलिस फायरिंग से इनकार करते हुए इसकी जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा कोई फायरिंग नहीं हुई और ना ही सरकार ने इंटरनेट पर कोई प्रतिबंध लगाया है। गृह मंत्री ने इलाके में कर्फ्यू लगाने की बात से भी इनकार किया है।

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