चैनपुर स्थित शशिकला मध्य विद्यालय में गुरुवार की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। जैसे ही स्कूल खुला, पास की गली में एक छात्र का शव पड़ा हुआ मिला। मृतक छात्र की पहचान 12 वर्षीय बिट्टू कुमार के रूप में हुई, जो आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा था। बिट्टू बुधवार सुबह स्कूल के लिए निकला था, लेकिन वह घर वापस नहीं लौटा।
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शव की खोज और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
स्कूल खुलने के बाद जब स्थानीय लोगों की नजर उस शव पर पड़ी, तो वे काफी चौंके। पास जाकर देखा गया तो वह बिट्टू था। शव के हाथों पर जलने के निशान थे, जिससे यह आशंका जताई जाने लगी कि उसकी मृत्यु में कुछ गंभीर कारण हो सकते हैं। यह खबर तेजी से इलाके में फैल गई और देखते ही देखते ग्रामीणों की भीड़ स्कूल में जमा हो गई। गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्कूल का घेराव कर दिया।
बिट्टू के परिजनों का बयान
बिट्टू के परिजनों ने बताया कि वह बुधवार को स्कूल गया था, लेकिन देर शाम तक जब वह घर नहीं लौटा, तो परिवार ने उसकी तलाश शुरू की। कई जगहों पर खोजबीन करने के बाद गुरुवार सुबह स्कूल से ही बिट्टू की लाश मिलने की जानकारी उन्हें मिली। परिजनों का कहना है कि वे इसे कोई हादसा मानने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका आरोप है कि स्कूल प्रशासन की लापरवाही के कारण उनके बच्चे की जान गई है।
स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
बिट्टू के परिवार ने स्कूल प्रशासन को सीधे तौर पर दोषी ठहराया है। उनका कहना है कि अगर स्कूल ने समय पर अपनी जिम्मेदारी निभाई होती तो बिट्टू का बचाव किया जा सकता था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन ने उसके गायब होने के बाद गंभीरता से मामले को नहीं लिया। साथ ही, हाथों पर जलने के निशान भी यह संकेत दे रहे हैं कि उसकी मृत्यु में कोई और कारण हो सकता है।
ग्रामीणों और परिजनों का मानना है कि यदि स्कूल प्रशासन समय पर कार्रवाई करता तो इस दुखद घटना को रोका जा सकता था। यह मामला केवल एक बच्चे की मृत्यु का नहीं, बल्कि विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करने वाला है।
प्रशासन की ओर से प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने की कोशिश की। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस के अनुसार, शव के पास जलने के निशान मिलने से मामले में हत्या या किसी अन्य गंभीर घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस ने आसपास के इलाके में पूछताछ शुरू कर दी है और सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है।
समुदाय का गुस्सा और न्याय की मांग
इस दुखद घटना ने पूरे चैनपुर क्षेत्र को हिला दिया है। ग्रामीणों का गुस्सा और दुख साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। परिवार ने भी न्याय की मांग की है और उन्हें विश्वास है कि पुलिस और प्रशासन जल्द ही इस मामले को सुलझाकर दोषियों को सजा दिलाएंगे।
ग्रामीणों और परिजनों का कहना है कि अगर इस घटना में कोई साजिश है, तो वे इसके खिलाफ संघर्ष करेंगे और न्याय की प्राप्ति तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इस बीच, स्कूल प्रशासन के खिलाफ भी दबाव बढ़ता जा रहा है और लोग उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की जांच और भविष्य में सुधार की आवश्यकता
पुलिस ने फिलहाल बिट्टू की मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि उसकी मौत के पीछे क्या कारण था।
स्कूल प्रशासन को भी इस घटना से कोई न कोई सीख लेनी चाहिए। यह समय है जब स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। स्कूल प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों की हर गतिविधि पर नजर रखी जाए और किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए सावधानी बरती जाए।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। बिट्टू की मौत ने यह स्पष्ट कर दिया कि स्कूल प्रशासन को अपने कर्तव्यों को और अधिक जिम्मेदारी से निभाना चाहिए। इस मामले की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
समुदाय और परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं, और यह महत्वपूर्ण है कि इस घटना से सिखकर भविष्य में ऐसी कोई दुर्घटना न हो। स्कूल प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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