क्या हमारी सोच ही हमारे जीवन की दिशा तय करती है? आशापुर गांव के दो दोस्तों की कहानी आपको सोचने पर मजबूर कर देगी! रघु ने महल में सिर्फ बर्बादी देखी, तो सोहन को उसी खंडहर में छिपा हीरा मिला। महात्मा देवदत्त ने कैसे समझाया कि सोच का नजरिया ही सब कुछ बदल सकता है? जानिए पूरी कहानी और सीखें जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई, सिर्फ “केकेएन अंजुमन” में!
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