सम्भावित बाढ़ से निपटने के लिए डीएम ने अंचल प्रशासन को दिए कई निर्देश
KKN न्यूज ब्यूरो। मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार शुक्रवार को मीनापुर के डुमरिया और रघई घाट पहुंच कर कटाव राहत कार्य की समीक्षा की। बूढ़ी गंडक नदी के द्वारा हो रही कटाव की लगातार मिल रही सूचना के बाद डीएम ने स्वयं स्थल का मुआइना किया। बतातें चलें कि डुमरिया में 400 मीटर और रघई में 300 मीटर की दूरी में कटावरोधी कार्य चल रहा है। डीएम ने बाड़ाभारती गांव के पुकार चौक के समीप बूढ़ी गंडक के कमजोर हो चुके बांध का भी जायजा लिया और मौके पर ही जल संसाधन विभाग के अधिकारी को कई निर्देश दिए।
बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा
दोपहरबाद डीएम मीनापुर के अंचल कार्यालय पहुंच कर बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा की और बाढ़ आने पर यहां सामुदायिक किचन की व्यवस्था करने और विस्थापितो के बीच तत्काल पोलीथिन वितरण करने का निर्देश अंचलाधिकारी को दिया। डीएम ने मेडिकल टीम को तैयार रहने का आदेश दे दिया है। बाढ़ में फंसे पशुओं को चारा और दवा मुहैय्या कराने के लिए पशु पालन विभाग के अधिकारी को पहले से तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। स्मरण रहें कि लगातार हो रही बारिश और बूढ़ी गंडक नदी के खुले तटबंध के कारण मीनापुर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
डीएम के समीक्षा के दौरान जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता बबन पांडेय, सहायक अभियंता विजय कुमार प्रिंस, बीडीओ अमरेन्द कुमार, सीओ रामजपी पासवान, सीएचसी प्रभारी डॉ. राकेश कुमार, पशु चिकित्सक डॉ. जमा, कनीय अभियंता उमां शंकर पाल भी मौजूद थे।
जल संसाधन विभाग की टीम को ग्रामीणो ने खदेड़ा
इधर, चांदपरना पहुंचने पर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को फजीहत का सामना करना पड़ा। ग्रामीणो ने बांध पर पहुंचने से पहले ही अधिकारी को खदेड़ दिया। जल संसाधन विभाग के अधिकारी चांदपरना के समीप बूढ़ी गंडक नदी के जर्जर तटबंध का मुआइना करना चाहते थे। ग्रामीणो का नेतृत्व कर रहे किसान अनील कुमार और रीषिकेष राज ने बताया कि जब तक किसानो के मुआवजा का भुगतान नहीं हो जाता है। तबतक किसी भी अधिकारी को बांध का निरीक्षण नहीं करने दिया जायेगा। स्मरण रहें कि पिछले तीन दशक से यहां के 100 से अधिक किसान बांध के लिए अधीग्रहित की गई जमीन के बदले मुआवजा की मांग कर रहें है।