वह, 20वीं सदी का मध्य काल था। भारत के लोग 900 साल की गुलामी के बाद आजादी की अंगराई ले रहे थे। समस्याएं मुंह वाए खड़ी थी। गरीबी चरम पर था। भूमि के 90 फीसदी हिस्सा पर 10 फीसदी लोगो का कब्जा था। भूमिहीन लोग असामी बन कर जीवन जीने को अभिशप्त थे। नव गठित सरकार आर्थिक तंगी से जूझ रही थी। ऐसे में लोगो के लिए आशा की एक किरण बन कर सामने आया एक शख्स। जिसका नाम था विनोवा भावे। विनोवा जी ने भूदान आंदोलन चालाया और देश के लोगो ने 40 लाख एकड़ जमीन दान में दी दी। सवाल उठता है कि दान में मिली वह जमीन गई कहां? देखिए इस रिपोर्ट में