बांग्लादेश एयरफोर्स का एक ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट सोमवार को ढाका के उत्तरा इलाके में एक स्कूल बिल्डिंग पर क्रैश हो गया। यह plane crash in Dhaka मिलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज के तीन-मंज़िला भवन पर हुआ, जहां उस समय पढ़ाई चल रही थी। विमान के गिरते ही एक ज़ोरदार धमाका हुआ और पूरे इलाके में काले धुएं का गुबार फैल गया।
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यह विमान चीन में बना F-7 फाइटर जेट था, जो Chinese F-7 jet crash से जुड़ी इस साल की दूसरी घटना बन गई है। इससे पहले इसी मॉडल का विमान म्यांमार में भी दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है।
छात्र-छात्राओं में अफरा-तफरी, क्लासरूम में मचा हड़कंप
दुर्घटना के समय स्कूल में कक्षाएं चल रही थीं। जैसे ही विमान इमारत से टकराया, हर तरफ चीख-पुकार मच गई। कई छात्र-छात्राएं बुरी तरह झुलस गए। कुछ के चेहरे और हाथों पर गंभीर चोटें आईं। वीडियो में देखा गया कि छात्र खून से लथपथ भाग रहे थे, और स्कूल स्टाफ उन्हें बाहर निकालने में जुटा था।
तुरंत राहत कार्य शुरू, स्थानीय लोग और सेना ने निभाई ज़िम्मेदारी
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हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग, स्कूल टीचर्स और सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंच गए।
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कई घायल छात्रों को सेना के जवानों ने अपनी गोद में उठाकर ऑटो, रिक्शा और निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाया।
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कुछ मामलों में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी, फिर भी बचाव कार्य में कोई देरी नहीं की गई।
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Rescue operation in Dhaka school crash तुरंत शुरू किया गया।
अस्पतालों में भीड़, बर्न यूनिट में गंभीर घायलों का इलाज
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में 30 से ज़्यादा लोगों को भर्ती किया गया। बाकियों को नज़दीकी अस्पतालों में ले जाया गया। हॉस्पिटल कॉरिडोर में अफरातफरी का माहौल था, लेकिन डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ ने बेहतरीन संयम दिखाया।
एयरफोर्स की पुष्टि, पर कारण पर चुप्पी
बांग्लादेश एयरफोर्स ने Bangladesh Air Force jet accident की पुष्टि की, लेकिन यह नहीं बताया कि पायलट ने इजेक्ट किया था या नहीं। हादसे की वजह भी आधिकारिक रूप से स्पष्ट नहीं की गई है। शुरुआती जांच में इंजन फेल होने की आशंका जताई जा रही है।
स्कूल स्टाफ बने रियल हीरो
मिलस्टोन स्कूल के कई शिक्षकों ने अपनी जान जोखिम में डालकर छात्रों को बाहर निकाला।
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गणित की शिक्षिका फातेमा चौधरी ने पहली मंज़िल से छात्रों को सुरक्षित निकाला।
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विज्ञान शिक्षक सलीम रज़ा ने मैदान में घायल बच्चों की प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की।
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फायर ब्रिगेड और सेना ने मिलकर इमारत में फंसे छात्रों को बाहर निकाला।
सरकार की प्रतिक्रिया, जांच का ऐलान
बांग्लादेश के चीफ एडवाइज़र मुहम्मद यूनुस ने कहा कि इस घटना की गहन जांच की जाएगी और पीड़ितों को हरसंभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा,
“इस हादसे में एयरफोर्स, छात्रों, पैरेंट्स, शिक्षकों और स्टाफ को जो नुकसान हुआ है, वह अपूरणीय है। यह पूरे राष्ट्र के लिए दुखद घड़ी है।”
लगातार दूसरे महीने F-7 जेट दुर्घटना
यह इस साल का दूसरा Chinese F-7 fighter jet crash है। पिछले महीने म्यांमार में भी एक F-7 विमान क्रैश हुआ था, जिसमें पायलट की मौत हो गई थी। इससे चीन में निर्मित सैन्य उपकरणों की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह जेट पुराने हैं और इनकी तकनीक भी अब अपडेट नहीं रही।
ढाका की घनी आबादी में उड़ानों पर उठे सवाल
ढाका जैसे घनी आबादी वाले शहर में training flights over residential area अब चिंता का विषय बन चुके हैं। नागरिक संगठनों ने मांग की है कि सैन्य उड़ानों के लिए सुरक्षित कॉरिडोर निर्धारित किया जाए और स्कूलों, अस्पतालों जैसे क्षेत्रों से उन्हें दूर रखा जाए।
छात्रों पर मानसिक असर, सरकार की काउंसलिंग योजना
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, इस तरह की घटनाएं बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती हैं। सरकार ने मोबाइल काउंसलिंग यूनिट्स तैनात की हैं जो बच्चों से बात करके उनके डर को कम करने की कोशिश कर रही हैं।
भविष्य की सुरक्षा के लिए कदम
सरकार ने सभी स्कूलों में अग्निशमन ड्रिल, आपातकालीन निकास व्यवस्था और संरचनात्मक सुरक्षा को अनिवार्य करने की घोषणा की है। साथ ही, सेना और नागरिक प्रशासन के बीच तालमेल बढ़ाने की योजना भी बनाई जा रही है।
मिलस्टोन स्कूल का भारी नुकसान
स्कूल की इमारत का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह तबाह हो चुका है। कंप्यूटर लैब, रिकॉर्ड रूम और कक्षाएं पूरी तरह जल गई हैं। क्लासेज़ अगले दो हफ्तों के लिए स्थगित कर दी गई हैं। कुछ नज़दीकी संस्थानों ने अपने कमरे अस्थायी रूप से उपलब्ध कराने की पेशकश की है।
स्थानीय लोगों का सराहनीय योगदान
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने एकजुटता दिखाई।
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रेस्टोरेंट्स ने राहत कार्यों में लगे लोगों के लिए भोजन उपलब्ध कराया।
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मस्जिदों ने घायल और थके लोगों के लिए विश्राम स्थल खोले।
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युवाओं ने सोशल मीडिया पर हॉस्पिटल लिस्ट और ज़रूरी सूचना साझा करने में अहम भूमिका निभाई।
यह हादसा सिर्फ एक विमान दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि अब हमें अपने हवाई क्षेत्र की सुरक्षा, शहरी विकास और आपातकालीन तैयारियों पर गंभीरता से काम करना होगा। सरकार, सेना, स्कूल और आम नागरिक – सभी की ज़िम्मेदारी है कि इस तरह की त्रासदियों को भविष्य में रोका जा सके।
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