​वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर पश्चिम बंगाल में हिंसा: मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना में तनावपूर्ण हालात

Murshidabad and South 24 Parganas Erupt in Violence Over Waqf Amendment Act

KKN गुरुग्राम डेस्क | वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के लागू होने के बाद, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना जिलों में व्यापक विरोध और हिंसा देखी गई है। यह अधिनियम वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव लाता है, जिसे मुस्लिम समुदाय के कुछ वर्गों ने धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला माना है।

मुर्शिदाबाद: विरोध से हिंसा तक

मुर्शिदाबाद में 8 अप्रैल 2025 को विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने उमरपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को अवरुद्ध कर दिया और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया। 11 अप्रैल को, प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय सांसद खलीलुर रहमान के कार्यालय पर हमला किया और निमतिता रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों पर पथराव किया।

12 अप्रैल को, एक हिंसक भीड़ ने हरगोबिंद दास और उनके बेटे चंदन दास की हत्या कर दी। इसके अलावा, 17 वर्षीय इजाज अहमद शेख की गोली लगने से मौत हो गई। इस हिंसा में कुल तीन लोगों की मौत हुई और दस से अधिक लोग घायल हुए। पुलिस ने 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया और प्रभावित क्षेत्रों में धारा 144 लागू की गई।

दक्षिण 24 परगना: हिंसा का विस्तार

मुर्शिदाबाद के बाद, दक्षिण 24 परगना के भांगर क्षेत्र में भी विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला किया, पुलिस वाहनों को आग लगा दी और आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस हिंसा में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

खुफिया रिपोर्ट: हिंसा का पैटर्न

खुफिया एजेंसियों के अनुसार, वक्फ अधिनियम के विरोध में हुई हिंसा का पैटर्न 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध से मिलता-जुलता है। प्रदर्शनकारियों ने टेलीग्राम, सिग्नल और व्हाट्सएप जैसे एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स का उपयोग करके विरोध प्रदर्शन आयोजित किए और पुलिस स्टेशनों पर समन्वित हमले किए।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

  • मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा की निंदा की और सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लागू नहीं करेगी।

  • विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा को “पूर्व नियोजित” बताया और इसे लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला करार दिया। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की।

  • भाजपा राज्य अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह हिंसा के दौरान उचित कार्रवाई नहीं कर रही है और पुलिस को निष्क्रिय बना रही है।

कानूनी और प्रशासनिक उपाय

हिंसा की गंभीरता को देखते हुए, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय बलों, विशेष रूप से सीमा सुरक्षा बल (BSF), को तैनात करने का आदेश दिया है ताकि कानून और व्यवस्था बहाल की जा सके। इसके अलावा, अदालत ने राज्य सरकार से स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है।

वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के विरोध में पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं और सभी समुदायों के बीच शांति और सौहार्द बनाए रखें।

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