कोलकाता में रामनवमी जुलूस पर पथराव का आरोप, भाजपा और तृणमूल आमने-सामने

Clashes During Ram Navami Procession in Kolkata:

KKN गुरुग्राम डेस्क | कोलकाता के पार्क सर्कस इलाके में रामनवमी के एक जुलूस पर कथित पथराव की खबर ने बंगाल की राजनीति को फिर से गर्मा दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का आरोप है कि भगवा झंडा लेकर चलने और ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने की वजह से यह हमला हुआ।

भाजपा का दावा: ‘हिंदू पहचान पर हमला’

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा:

“भगवा झंडा और भगवान राम का नाम लेना अब बंगाल में अपराध हो गया है। यह सरकार सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करती है।”

भाजपा ने सोशल मीडिया पर टूटे वाहनों के वीडियो भी साझा किए हैं, और दावा किया है कि पुलिस मूकदर्शक बनी रही।

कोलकाता पुलिस का बयान: ‘अनुमति नहीं थी’

पुलिस ने साफ किया कि इस क्षेत्र में किसी जुलूस की अनुमति नहीं ली गई थी। एक वाहन को नुकसान पहुंचा, लेकिन कोई बड़ी हिंसा नहीं हुई। जांच शुरू हो गई है, और पुलिस लोगों से अफवाह न फैलाने की अपील कर रही है।

तृणमूल कांग्रेस का आरोप: ‘चुनाव से पहले माहौल बिगाड़ने की साजिश’

टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा:

“यह सब स्क्रिप्टेड है। भाजपा हर चुनाव से पहले ऐसा करती है – पहले तनाव, फिर वोटों की राजनीति।”

रामनवमी: अब सिर्फ त्योहार नहीं, राजनीतिक टूल

बंगाल में रामनवमी अब केवल आस्था का पर्व नहीं रहा। भाजपा इसे सांस्कृतिक पुनर्जागरण की तरह प्रस्तुत कर रही है, जबकि टीएमसी सांप्रदायिक सौहार्द की बात करती है। दोनों पक्षों की बयानबाजी से जनता असमंजस में है

कोलकाता की घटना से ये साफ हो गया कि जब राजनीति त्योहारों में घुसपैठ करती है, तो न त्योहार सुरक्षित रहते हैं और न आम नागरिक।

सवाल यही है – क्या हम त्योहारों को राजनीति से बचा सकते हैं, या हर बार यही कहानी दोहराई जाएगी?

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