भाषा की समृद्धि से होता है सभ्यता का निर्माण

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भाषा…एक विज्ञान है। यह अत्यंत ही रोचक है। दुनिया में जितनी भी भाषाएं हैं। सभी सम्मानित है। भाषाओं का अपना एक अलग इतिहास है। यह मूक स्वरूप से शुरू होकर गले की खराश से होते हुए पत्थरों पर उकेरी जाने वाली सांकेतिक प्रतीकों से गुजर कर संप्रेषण की मौजूदा काल खंड तक पहुंची है। विकास वाद के आधुनिक दौर में दुनिया की कई भाषाएं विलुप्त हो चुकी है या विलुप्त होने के कगार पर है। मान्यता है कि जो भाषा जितना समृद्ध होगा। उसकी सभ्यता और संस्कृति भी उतनी ही समृद्ध होगी। भाषा के विकास से ही सभ्यता का जन्म हुआ है। क्या है भाषा का विज्ञान और इसकी समृद्धि? देखिए, इस रिपोर्ट में…

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