उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पूर्वाचंल का अपना महत्व है। महंगाई, बेरोजगारी, विकास और सुशासन के दावो से इतर। पूर्वाचंल के मतदाताओं का अपना अलग अंदाज है। पूर्वाचल का यह इलाका बिहार से सटा है। यहां जातीय क्षत्रपो का अपना संसार है। बेशक, गुजिश्ता दशको में यहां की राजनीति ने करबट बदली है। बावजूद इसके क्षत्रपो की स्वीकारता में कोई कमी नहीं आई है।
जानकार मानते है कि विकास की राह में पूर्वाचंल के पिछड़ जाने का यह सबसे बड़ा कारण है। पूर्वाचंल की राजनीति, जातिवाद की दलदल में धसने को बेताब है। ऐसे में महंगाई और बेरोजगारी बनाम विकास और सुशासन का दावा, बेमानी नहीं तो और क्या है। इस Episode में पूर्वी यूपी की गुणा-गणित लेकर आयें है। रिपोर्ट देखिए और अपने विचारो से हमको अवगत कराइए।
This post was published on जनवरी 28, 2022 17:00
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