तेज आवाज का मानव जीवन के अतिरिक्त पालतु जानवर और पेंड़ पौधो पर भी खतरनाक असर पड़ रहा है। लम्बे समय तक तेज आवाज के बीच रहने से मनुष्य का रक्तचाप यानी ब्लडप्रेसर अनियंत्रित हो सकता है। एक बार ब्लडप्रेसर की चपेट में आ गए तो कालांतर में ब्रेन हैम्ब्रेज, हर्ट अटैक और पारालाइसिस यानी लकबा मारने का खतरा बना रहता है। लम्बे समय तक तेज आवाज में रहने वालो के नपुंसक होने और मेमोरी लॉस यानी यादाश्त के कमजोर होने का खतरा भी रहता है। इसको ध्वनि प्रदूषण कहा गया है। घ्वनि प्रदूषण कितना खतरनाक है? देखिए, इस रिपोर्ट में…
This post was published on मार्च 4, 2022 17:00
या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर… Read More
भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा,… Read More
7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More
सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More