मानसून की पहली बारिश हुई और पूर्वी भारत का बड़ा इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया। शुरूआती एक सप्ताह में ही तीन दर्जन से अधिक लोगो के मरने की खबर आ गई। बताया गया कि देश की करीब 55 लाख लोग बाढ़ में फंसे हुएं हैं। अकेले बिहार में करीब 20 लाख लोग उफनती नदियों की चपेट में हैं। दरअसल, बिहार सहित भारत के कई अन्य राज्यों में साल दर साल आने वाली बाढ़ की समस्या नई नहीं है। गुलामी के दिनो में लोगो को उम्मीद थीं कि आजादी मिलते ही इस समस्या से छुटकारा मिल जायेगा। किंतु, आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद, आज भी हम बाढ़ की विभिषिका को झेल रहे है। आखिर क्यों। प्रत्येक साल तबाही मचाने वाली इस बाढ़ का कोई स्थायी समाधान क्यों नहीं होता। एसे और भी कई सवाल है। देखिए, पूरी रिपोर्ट…