दुनिया को रौशन करने वाला, खुद कैसे अंधेरे में रह कर खामोशी के साथ सह लेता हैं, अपना दर्द। जमाने को इसकी भनक नहीं लगती। साथी को एहसास नहीं होता और खप जाती है पूरा जीवन। चस्का ऐसा, जो तबाह होती आर्थिक दशा का एहसास तक नहीं होने देता। खुद को खपा देने की जज्बा ऐसी कि बेसूध होने का अंदाजा भी नहीं होता। क्यों नहीं हैं, किसी को उनकी परवाह? चकाचौध भरी जिन्दगी और अंधेरे में सिसकियाँ भरती अहसास। बेबुनियाद आरोपो से आहत और कुतर्को से कुंठित, ग्रामीण पत्रकार। देखिए, खबर लिखने वालों की खबर। खबरनबिसो की जुबानी। KKN लाइव पर…
This post was published on जून 12, 2019 17:00
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