Uttar Pradesh

ना मंदिर से राम का, नाही मस्जिद से गूंजेगा रहीम का शोर

​मंदिर व मस्जिद से उतारे गये लाउडिस्पिकर

मुरादाबाद के ठिरिया दान में  ग्रामीणो ने लिया साहसिक फैसला

किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में नही बजेगा ध्वनी विस्तारक यंत्र, दोनो पक्षो ने पेश किया सम्प्रदायिक सौहार्द का मिशाल

संतोष कुमार गुप्ता

मुरादाबाद। मुरादाबाद के एक गांव मे ग्रामीणो ने सम्प्रदायिक सौहार्द को लेकर एक साहसिक फैसला लिया है।  जहां धर्मस्थल पर लाउडिस्पिकर लगाने और बजाने के कारण संप्रदायिक माहौल बिगड़ने के हालात पैदा हो जाते हैं, वहीं जिले के भगतपुर थाना क्षेत्र के ठिरिया दान गांव के लोगों ने एकता की मिसाल पेश की। गांव के दोनों समुदाय के लोगों ने मस्जिद और मंदिर दोनों से आपसी सहमति से लाउडिस्पिकरर उतार कर भाईचारे का परिचय दिया है। दोनों समुदाय के लोगों ने साथ ही यह भी निर्णय लिया कि आने वाले समय में किसी भी धार्मिक कार्य में लाउडिस्पिकर का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
ये गांव अक्सर दो समुदायों के बीच विवाद में घिरा रहता था, लेकिन आपसी सहमती और हंसी खुशी से लिया गया ये फैसला निसंदेह काबिले तारीफ है। समुदाय के दोनों पक्षों ने हुए आपसी समझौते को बाकायदा लिख कर उसे थाने में भी दे दिया है। फिलहाल गांव वालों ने ये फैसला करके एक मिसाल कायम कर दी है ताकि आपस में कोई विवाद न हो और भाईचारा बना रहे।
गांव के रहने वाले हेमंत शर्मा का कहना है, “हमारे मंदिर पर दो लाउडिस्पिकर थे, जबकि मस्जिद पर सात लगे हुए थे। हमने कहा था कि मस्जिद पर दो लगा लो हम भी दो ही लगाए रखेंगे। लेकिन वो लोग नहीं माने। फिर पंचायत बैठी और दोनों तरफ से तय हुआ कि दोनों धर्मस्थल से लाउडिस्पिकर उतार लिए जाएं। आपस में सहमति बन गई और हमने अपना लाउडिस्पिकर उतार लिया।”
वहीं जाकिर अहमद ने बताया, “हमें पता चला था शिकायत की गई है कि मस्जिद में लाउडिस्पिकर ज्यादा लगे हुए हैं। दूसरे पक्ष ने कहा कि आपके यहां लाउडिस्पिकर अधिक लगे हुए हैं उसे कम कीजिए तो हमने उनसे कहा कि हम तो मस्जिद से सभी लाउडिस्पिकर उतार लेंगे, हमें कोई परेशानी नहीं है। फिर गांव में बैठक हुई, जिसमें सहमति बनी कि दोनों समुदाय के लोग अपने-अपने धर्मस्थल से लाउडिस्पिकर उतार लेंगे। साथ ही कोई भी धार्मिक आयोजन बिना लाउडिस्पिकर के ही संपन्न किया जाएगा।”
क्षेत्राधिकारी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया, “इस पवित्र माह में इस गांव के दोनों समुदायों के लोगों ने आगे किसी भी विवाद से बचने और भाईचारा बनाए रखने के लिए आपसी सहमति से जो कदम उठाया है, निसंदेह वह तारीफ के काबिल है। इस फैसले से मुरादाबाद के भाईचारे का संदेश लोगों के बीच जाएगा।”

This post was published on जून 3, 2017 20:58

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Show comments
Published by
संतोष कुमार गुप्‍ता

Recent Posts

  • Videos

Manipur की दर्द भरी दास्तान: हिंसा, राजनीति और समाधान की राह

Manipur की दर्द भरी दास्तान में झाँकिए, जहां हिंसा, राजनीति और संघर्ष ने इस राज्य… Read More

जुलाई 24, 2024
  • Videos

क्या अतीत के पन्नों में छुपा है Manipur हिंसा की असली वजह

Manipur में बढ़ती हिंसा और आक्रोश के पीछे की कहानी को जानने के लिए देखिए… Read More

जुलाई 17, 2024
  • Videos

क्या Bihar को मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा या दरक जायेगा समीकरण…

विशेष राज्य का दर्जा: जी हां, विशेष राज्य का दर्जा। भारत की राजनीति में इन… Read More

जुलाई 10, 2024
  • Videos

तीन नए कानून : कैसे काम करेगा भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता और साक्ष्य अधिनियम

क्या आप जानना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता और साक्ष्य अधिनियम… Read More

जुलाई 3, 2024
  • Videos

अंग्रेजों का शिक्षा नीति और भारत का प्राचीन गुरुकुल : हकीकत हैरान करने वाली है

आज के इस वीडियो में हम बात करेंगे भारतीय शिक्षा प्रणाली की ऐतिहासिक सच्चाई पर,… Read More

जून 26, 2024
  • Videos

क्या तीसरी बार मोदी सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी? एनडीए की चुनौतियाँ और भविष्य…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की तीसरी बार सरकार का गठन हो चुका… Read More

जून 19, 2024