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आगरा में यमुना नदी हादसा: एक ही परिवार की छह बेटियों की दर्दनाक मौत, बारात का घर बना मातम का केंद्र

Tragedy in Agra: Six Cousin Sisters Drown in Yamuna River While Bathing

KKN गुरुग्राम डेस्क | उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब यमुना नदी में नहाते समय एक ही परिवार की छह किशोर लड़कियों की डूबने से मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा उस वक्त हुआ जब गर्मी से राहत पाने के लिए ये लड़कियाँ नदी में स्नान करने गई थीं। हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।

घटना का विवरण: कैसे हुआ हादसा

यह दुखद घटना आगरा के सिकंदरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत नागला स्वामी गांव के पास सुबह करीब 10 बजे हुई। सभी लड़कियां एक ही विस्तारित परिवार से थीं और उनकी उम्र 12 से 18 वर्ष के बीच थी।

डूबने वाली लड़कियों की पहचान इस प्रकार हुई:

  • मुस्कान (18 वर्ष)

  • शिवानी (17 वर्ष)

  • नैना (14 वर्ष)

  • दिव्या (13 वर्ष)

  • संध्या (12 वर्ष)

  • सोनम (12 वर्ष)

गवाहों के अनुसार, एक लड़की गहरे पानी में फिसल गई और डूबने लगी। उसे बचाने के प्रयास में बाकी लड़कियां भी एक-एक कर के गहरे पानी में चली गईं, लेकिन कोई भी तैरना नहीं जानती थीं। देखते ही देखते छह जिंदगियां यमुना की लहरों में समा गईं।

रेस्क्यू ऑपरेशन और मेडिकल प्रयास

घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों और परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। तुरंत पुलिस, पीएसी (Provincial Armed Constabulary), SDRF (State Disaster Response Force) और स्थानीय गोताखोरों की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई।

चार लड़कियों के शव घटनास्थल से ही बरामद कर लिए गए जबकि दो को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। दुर्भाग्यवश, अस्पताल में इलाज के दौरान दोनों लड़कियों ने दम तोड़ दिया।

परिवार में मातम और गांव में शोक की लहर

यह हादसा एक ऐसे परिवार के लिए दोहरी त्रासदी बनकर आया, जहां एक ओर शादी की तैयारियाँ चल रही थीं। जिस घर में बारात आने वाली थी, वहां अब एक के बाद एक छह जनाजे उठे। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। गांव का हर शख्स गमगीन है और पूरा इलाका शोक में डूबा हुआ है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और मुआवजा घोषणा

घटना के तुरंत बाद आगरा के ज़िलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी और एसीपी राम बदन सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और शोक-संतप्त परिवार से मुलाकात की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा शोक जताया और मृतक लड़कियों के परिजनों को ₹4 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

नदी स्नान की सावधानियां और भविष्य की रणनीति

गर्मी के मौसम में नदी, तालाब और अन्य जलस्रोतों में नहाने की प्रवृत्ति आम होती है, लेकिन यह हादसा इस बात की चेतावनी है कि अनजाने और असुरक्षित स्थानों पर स्नान करना कितना घातक हो सकता है।

प्रशासन द्वारा भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए निम्नलिखित कदम उठाने की तैयारी की जा रही है:

  • खतरनाक क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड लगाना: यमुना नदी के आसपास के क्षेत्रों में ‘स्नान वर्जित’ जैसे संकेतक लगाने की योजना।

  • स्थानीय लोगों को जागरूक करना: गांव-गांव जाकर जलस्रोतों में स्नान से जुड़े जोखिमों के बारे में जानकारी देना।

  • नदी किनारे पुलिस या होमगार्ड की तैनाती: संवेदनशील स्थानों पर नियमित गश्त करने की व्यवस्था।

  • स्कूलों में सुरक्षा शिक्षा देना: बच्चों और किशोरों को जल सुरक्षा और प्राथमिक चिकित्सा के बारे में सिखाना।

आगरा की यह घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। हमें नदियों और अन्य जल स्रोतों के प्रति सावधानी बरतनी होगी। बच्चों और किशोरों को तैराकी की शिक्षा देना और सुरक्षित स्थानों पर ही नहाने के लिए प्रेरित करना समय की मांग है।

सरकार और समाज को मिलकर ऐसे हादसों को रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि कोई और परिवार इस तरह की त्रासदी का शिकार न हो।


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